ADVERTISEMENT

सेंसेक्स, निफ्टी में बीते सप्ताह देखी गई 2 फीसदी से अधिक गिरावट

देश के शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांकों में पिछले सप्ताह दो फीसदी से अधिक गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 2.36 फीसदी यानी 595.80 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 24,673.84 पर बंद हुआ।
NDTV Profit हिंदीBhasha
NDTV Profit हिंदी10:43 AM IST, 09 Apr 2016NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

देश के शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांकों में पिछले सप्ताह दो फीसदी से अधिक गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 2.36 फीसदी यानी 595.80 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 24,673.84 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 2.05 फीसदी यानी 157.85 अंकों की गिरावट के साथ 7,555.20 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के 30 में से सात शेयरों में पिछले सप्ताह तेजी रही। ल्युपिन (5.14 फीसदी), भेल (4.75 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (3.23 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (1.87 फीसदी) और टाटा स्टील (1.43 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे अडाणी पोर्ट्स (9.80 फीसदी), मारुति सुजुकी (7.91 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (7.21 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (6.44 फीसदी) और एक्सिस बैंक (6.24 फीसदी)।

बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों का मिला-जुला रुख रहा। मिडकैप 0.45 फीसदी या 48.06 अंकों की गिरावट के साथ 10,594.26 पर और स्मॉलकैप 0.23 फीसदी या 24.62 अंकों की तेजी के साथ 10,664.46 पर बंद हुआ।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार पांच अप्रैल को मौजूदा वित्त वर्ष की प्रथम द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर दी। इस कटौती के साथ आरबीआई की रेपो दर 6.75 फीसदी से घटकर 6.50 फीसदी हो गई। वहीं बैंक ने रिवर्स रेपो दर में 25 आधार अंकों की वृद्धि कर इसे 5.75 फीसदी से छह फीसदी कर दिया।

रेपो दर वह दर होती है, जिस पर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को लघु अवधि के लिए ऋण देता है। रिवर्स रेपो दर वह दर है, जो आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों से लघु अवधि के लिए ली जाने वाली राशि पर देता है।

आरबीआई ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को हालांकि चार फीसदी पर बरकरार रखा। सीआरआर का मतलब वह आनुपातिक राशि है, जो वाणिज्यिक बैंकों को कुल जमा के मुकाबले तरल कोष के रूप में अपने पास बरकरार रखना होता है। सीआरआर का दैनिक न्यूनतम संरक्षण हालांकि 95 फीसदी से घटाकर 90 फीसदी कर दिया गया है।

इसी प्रकार दो अप्रैल और उसके बाद से सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) को 21.25 फीसदी पर रखा गया है। एसएलआर का अर्थ यह है कि एक वाणिज्यिक बैंक को इतने मूल्य की निर्दिष्ट प्रतिभूतियां रखनी होती हैं। आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने 2016-17 के लिए विकास दर का अनुमान 7.6 फीसदी पर बरकरार रखा है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV Profit हिंदी
लेखकBhasha
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT