एशियाई बाजारों के तेजी पर होने के बावजूद, भारतीय बाजार आज तीखी गिरावट पर खुल सकते हैं. मंगलवार से आधी रात से 1,000 रुपये और 500 रुपये के बैंक नोटों को अवैध करने की सरकार की अप्रत्याशित घोषणा का भारतीय घरेलू बाजारों पर अमेरिकी चुनावों से अधिक असर पड़ने जा रहा है.
सुबह 7.15 बजे निफ्टी फयूचर्स सिंगापुर एक्सचेंज पर 148 अंक यानी 1.72 फीसदी गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है. संकेत यही जा रहे हैं कि सुबह 9:15 बजे भारतीय घरेलू बाजार भी रेड ज़ोन में गिरेंगे. भारतीय अर्थव्यवस्था का करीब 40 फीसदी हिस्सा स्मॉल और मीडियम साइज इंटरप्राइज से प्रभावित है जोकि नकदी ट्रांजैक्शन पर चलता है. अर्थशास्त्री कहते हैं कि सरकार की इस घोषणा से इन कारोबारों पर असर पड़ेगा और इस असर से देश की आर्थिक वृद्धि प्रभावित होगी.
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शेयर बाजारों में सभी जोखिम प्रबंधन प्रणालियों और निगरानी प्रणालियों को मजबूत कर दिया गया है जिससे कि 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद किए जाने व अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनावी नतीजों के मद्देनजर बाजार में तेज उतार-चढ़ाव से निपटा जा सके. बैंक आम जनता के लिए बुधवार को बंद रहेंगे जिससे उन्हें 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद किए जाने के सरकार के निर्णय का अनुपालन करने के लिए व्यवस्था करने में समय मिल सके. ये नोट मंगलवार की आधी रात के बाद से प्रभावी नहीं रहे.
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शेयर बाजार विशेषज्ञों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. एलआईसी म्यूचुअल फंड के चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर सरवना कुमार ने कहा कि यदि आप भारतीय अर्थव्यवस्था के परिप्रेक्ष्य में देखें तो यह बहुत अच्छा कदम है. इससे मुद्रास्फीति पर लगाम लगेगी और वित्तीय घाटा कम होगा. काले धन पर भी लगाम लगेगी. हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इकॉनमी में इस कदम से 'कुछ उथल पुथल देखी जा सकती है लेकिन वह कुछ समय के लिए होगी'. बाजार विशेषज्ञ अंबरीश बालिगा ने यह ट्वीट किया. विशेषज्ञों की राय में रीयल एस्टेट स्टॉक्स में मार्केट पर आज बुरा असर पड़ देखा जा सकता है.
(भाषा से भी इनपुट)