स्थानीय शेयर बाजारों में दो दिन की तेजी के बाद गुरुवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 461 अंक लुढ़क कर फिर 26,000 अंक के नीचे आ गया। बैंक ऑफ जापान (बीओजे) के आश्चर्यजनक नीतिगत फैसले से भारत सहित तमाम वैश्विक बाजार प्रभावित हुए।
बीओजे ने कोई नया नीतिगत प्रोत्साहन नहीं देने का नया रुख अपनाया है, जो बाजार के लिए अप्रत्याशित बताया गया है। इससे पहले, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने आर्थिक परिदृश्य में विश्वास का संकेत देते हुए अपनी नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया था। इससे प्रमुख बजारों में गिरावट देखी गई। अप्रैल के वायदा एवं विकल्प अनुबंधों के निपटान की अंतिम तिथि से पहले बाजार में निवेशक सतर्कता बरते हुए थे। ऐसे में कमजोर वैश्विक संकेतों से बिकवाली तेज हो गई। एनएसई निफ्टी भी मनोवैज्ञानिक स्तर 7,900 स्तर के नीचे आ गया।
कारोबारियों के अनुसार डेरिवेटिव्स खंड में अप्रैल सीरीज के अनुबंधों की समाप्ति के मद्देनजर कारोबारी धारणा प्रभावित हुई। धातु, तेल एवं गैस, रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों, बुनियादी ढांचा तथा वाहन कंपनियों के शेयरों में गिरावट से सूचकांक नीचे आया।
30 शेयरों वाला सेंसेक्स बढ़त के साथ खुला, लेकिन बाद में बिकवाली से नीचे चला गया। अंत में यह 461.02 अंक या 1.77 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,603.10 अंक पर बंद हुआ। 5 अप्रैल के बाद एक दिन में यह सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले, पिछले दो कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 385 अंक मजबूत हुआ था। 50 शेयरों वाला निफ्टी भी 132.65 अंक या 1.66 प्रतिशत की गिरावट के साथ 7,847.25 अंक पर बंद हुआ।
एशियाई बाजारों में जापान का निक्की 3.61 प्रतिशत तथा शंघाई कंपोजिट सूचकांक 0.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। यूरोपीय बाजारों में भी शुरुआती कारोबार में गिरावट दिखी। घरेलू बाजार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 27 नुकसान में रहे, जबकि तीन लाभ में रहे।
जिन प्रमुख कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, उसमें एचडीएफसी (3.21 प्रतिशत), आईटीसी (3.0 प्रतिशत), महिंद्रा एंड महिंद्रा (2.99 प्रतिशत), मारुति सुजुकी (2.94 प्रतिशत), गेल (2.52 प्रतिशत), टाटा स्टील (2.50 प्रतिशत) तथा एनटीपीसी (2.45 प्रतिशत) शामिल हैं।
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