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शेयर बाजार : तिमाही परिणाम पर रहेगी नजर

देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की निगाह देश की कंपनियों द्वारा जारी होने वाले मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही के परिणामों पर टिकी रहेगी।
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NDTV Profit हिंदी09:46 AM IST, 09 Nov 2014NDTV Profit हिंदी
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देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की निगाह देश की कंपनियों द्वारा जारी होने वाले मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही के परिणामों पर टिकी रहेगी।

आगामी सप्ताह में विभिन्न आर्थिक आंकड़े, विदेशी संस्थागत निवेश के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल के मूल्य पर भी निवेशकों की नजर बनी रहेगी।

मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए कंपनियों के वित्तीय परिणाम का दौर जारी है।

सोमवार को अडाणी पावर, अपोलो टायर्स, देना बैंक, श्रीसीमेंट और टीवी टुडे नेटवर्क, मंगलवार को धनलक्ष्मी बैंक, हॉकिंस कूकर्स और आईएफसीआई, बुधवार को बीजीआर एनर्जी, भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन, ईरोज इंटरनेशनल मीडिया, जयप्रकाश एसोसिएट्स और ऑयल इंडिया, गुरुवार को डीएलएफ, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, सेल और वोल्टास और शुक्रवार को भेल, ब्रिटानिया, इंडियन होटल्स और टाटा मोटर्स अपने कारोबारी परिणामों की घोषणा करेंगी।

बुधवार 12 नवंबर को सरकार सितंबर 2014 के लिए औद्योगिक उत्पादन संबंधी आंकड़े जारी करेगी। अगस्त महीने के लिए औद्योगिक उत्पादन विकास दर 0.4 फीसदी थी।

बुधवार 12 नवंबर को ही सरकार अक्टूबर महीने के लिए उपभोक्ता महंगाई दर के आंकड़े जारी करेगी। उपभोक्ता महंगाई दर सितंबर महीने में घटकर 6.4 फीसदी दर्ज की गई थी।

शुक्रवार 14 नवंबर को सरकार अक्टूबर महीने के लिए थोक महंगाई दर के आंकड़े जारी करेगी। सितंबर महीने में थोक महंगाई दर 2.38 फीसदी थी।

निवेशकों की निगाह आगामी सप्ताह में कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत पर भी टिकी रहेगी। हाल के महीनों में तेल मूल्य में काफी गिरावट दर्ज की गई है। इसी का फायदा उठाते हुए सरकार ने डीजल मूल्य को नियंत्रण मुक्त भी कर दिया है। कच्चे तेल की कीमत घटने से सरकार को चालू खाता घाटा और ईंधन महंगाई दर कम करने में मदद मिलेगी। देश को अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करना पड़ता है।

सरकारी तेल कंपनियां रविवार 16 नवंबर को मूल्यों की समीक्षा करेंगी।

भारतीय रिजर्व बैंक दो दिसंबर को मौद्रिक नीति की समीक्षा करने वाला है। रिजर्व बैंक पर ब्याज दरों में कटौती करने का दबाव है, क्योंकि तेल मूल्य में गिरावट के कारण महंगाई के और घटने के आसार हैं।

संसद का शीतकालीन सत्र 24 नवंबर को शुरू होने जा रहा है, जो 23 दिसंबर को समाप्त होगा। इस सत्र में आर्थिक महत्व के कई विधेयकों से संबंधित घटनाक्रमों पर निवेशकों की निगाह रहेगी।

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