वाहन उद्योग संगठन सियाम ने कहा है कि पूरी तरह आयातित कार और इंजन पर सीमा शुल्क कम नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इस प्रकार के कदम से क्षेत्र पर नकारात्मक असर पड़ेगा। भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच जारी मुक्त व्यापार वार्ता में आयातित कार और इंजन पर शुल्क कम करने का प्रस्ताव है।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (सियाम) ने भारत-ईयू के बीच प्रस्तावित एफटीए (मुक्त व्यापार समझौते) पर श्वेत पत्र जारी करते हुए कहा कि किसी भी कीमत पर इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। श्वेत पत्र में कार एवं इंजन के आयात पर सीमा शुल्क लगाए जाने की स्थिति में क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई है।
इसमें कहा गया है, ईयू एफटीए के तहत सीबीयू (पूरी तरह से तैयार) के आयात की अनुमति या आयात शुल्क कम करने से प्रतिगामी प्रभाव पड़ेगा और दीर्घकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था, वाहन उद्योग तथा ग्राहकों पर पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।