वित्त मंत्रालय इस महीने के अंत तक आयकर रिटर्न फॉर्म को आसान बना सकता है। इसमें निष्क्रिय पड़े बैंक खातों और ऐसे खातों जिनमें न्यूनतम राशि नहीं है उनके खुलासे की अनिवार्यता खत्म की जा सकती है।
उद्योग और सांसदों द्वारा मुश्किल खुलासा मानदंडों का विरोध करने के बाद यह सरलीकृत फॉर्म पेश किया जा रहा है और इसमें हर विदेश यात्रा के ब्योरे में भी ढील दी जा सकती है।
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘संसद सत्र खत्म होने के बाद वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की आंतरिक बैठक होगी। हम इस पर विचार कर रहे हैं कि बेकार बड़े बैंक खातों का खुलासा करने की जरूरत है या नहीं क्योंकि ज्यादातर मामलों में इसमें बहुत कम राशि होती है।’
अधिकारी ने कहा कि आईटीआर फॉर्म (आईटीआर-1 और आईटीआर-2) के सरलीकरण पर अंतिम फैसला इस महीने के अंत तक वित्त मंत्री अरुण जेटली करेंगे। वेतनभोगी और ऐसे लोग जो कारोबार-पेशेवर आय से जुड़े नहीं हैं उन्हें 31 जुलाई तक आईटीआर-1 या आईटीआर-2 भरना होता है।
नए आईटीआर फार्म पर विवाद के बाद राजस्व विभाग ने इन पर रोक लगाने की घोषणा की थी जिसके तहत बैंक खातों और विदेशी दौरों के बारे में जानकारी मांगी गई थी। जेटली ने बेहद सरल फॉर्म पेश करने का वायदा किया था। कर विभाग ने सरलीकरण पर उद्योग मंडलों से परामर्श भी किया था।