सर्वोच्च न्यायालय ने टाटा मोटर्स से कहा कि पश्चिम बंगाल में नैनो कार कारखाने के लिए अधिग्रहित जमीन राज्य सरकार को वापस कर दी जाए, ताकि इसे उन किसानों को लौटाया जा सके, जिनसे यह ली गई थी।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की पीठ ने टाटा से कहा, पने जमीन पट्टे पर ली है। आप वहां कोई कारोबार नहीं कर रहे हैं। आपको भूमि से कोई लाभ नहीं मिलने वाला। तो फिर आप इसे किसानों को वापस देने के राज्य सरकार के फैसले के रास्ते में क्यों आ रहे हैं?
न्यायालय ने टाटा के वकील गोपाल जैन से 6 अगस्त तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी तथा केंद्र सरकार की ओर से महाधिवक्ता मोहन पारासरन ने न्यायालय को बताया कि यदि टाटा भूमि किसानों को दे देती है, तो राज्य सरकार ब्याज के साथ उसे इसकी कीमत का भुगतान करने के लिए तैयार है।
सर्वोच्च न्यायालय ने टाटा को यह सुझाव पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है, जिसमें सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें न्यायालय ने सिंगूर में टाटा के लिए भूमि के अधिग्रहण को रद्द करने वाले कानून को निरस्त कर दिया था।