विदेशी बैंक खातों में छिपे धन से जुड़े मामलों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख जस्टिस एमबी शाह ने साफ कहा कि "सबसे बड़े नामों को पकड़ा जाएगा... जिसने भी देश को लूटा है, उसे पकड़कर दंडित किया जाएगा - आर्थिक रूप से भी और अन्य तरीकों से भी..." जस्टिस शाह ने एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के दौरान दावा किया कि मामलों की जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसके लिए तय की गई समयसीमा 31 मार्च तक पूरी हो जाएगी।
कर चोरी करने वालों की पहचान करने तथा स्विटज़रलैंड जैसे देशों में मौजूद खातों में छिपाई गई धनराशि को वापस लाने की योजना बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा तैनात की गई विशेष कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस एमबी शाह ने एनडीटीवी की ग्रुप एडिटर बरखा दत्त से बातचीत के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जांच की जो समय सीमा दी है, वह व्यावहारिक है।
एसआईटी अध्यक्ष जस्टिस शाह तथा उपाध्यक्ष जस्टिस अरिजित पसायत ने किसी भी टीवी चैनल को अपने पहले इंटरव्यू में कहा, "हमारे लिए कोई बड़ा या छोटा नहीं है..." जब एसआईटी पैनल से नोडल एजेंसी की जरूरत पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, नोडल एजेंसी को-ऑर्डिनेशन के लिए ज़रूरी है, हमें जो काम मिला है, उसमें जांच के लिए को-ऑर्डिनेशन चाहिए और उसके लिए नोडल एजेंसी ज़रूरी है।
यह पूछे जाने पर कि क्या नोडल एजेंसी बनाने में सरकार की ओर से देरी हो रही है, उन्होंने कहा, "नहीं, ऐसा नहीं है... सभी सरकारी विभाग मदद कर रहे हैं और खासतौर पर सचिव हमारी मदद कर रहे हैं..."
ऐसी ख़बरों के बीच कि जिनेवा में एचएसबीसी बैंक में मौजूद भारतीयों के खातों में बड़े नाम शामिल नहीं हैं, जस्टिस शाह ने ज़ोर देकर कहा, "मुझे नहीं लगता, बड़ी मछलियां बचकर निकल सकेंगी... हमारे लिए सब एक बराबर हैं... इस वक्त हम 627 नामों को देख रहे हैं, लेकिन हम और नामों को हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं..."