पूंजी प्रवाह जारी रहने के बीच उपभोक्ता टिकाऊ तथा पूंजीगत सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयरों की लिवाली से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स बुधवार को 133 अंक की तेजी के साथ दो साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया। राजकोषीय संकट टाले जाने के लिए अमेरिकी संसद द्वारा समझौते को मंजूरी दिए जाने के बाद पूंजी प्रवाह बढ़ा है।
तीस प्रमुख शेयरों पर आधारित बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स मजबूती के साथ 19,693.30 अंक पर खुला और एक समय 19,756.68 पर चला गया। बहरहाल, अंत में यह 133.43 अंक या 0.68 प्रतिशत की तेजी के साथ 19,714.24 अंक पर बंद हुआ।
50 शेयरों पर आधारित नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 42.40 अंक या 0.71 प्रतिशत की तेजी के साथ 5,993.25 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 6,000 अंक को पार करते हुए 6,006.05 अंक तक चला गया था। जनवरी 2011 के बाद यह पहला मौका है जब निफ्टी 6,000 अंक के ऊपर गया।
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा द्वारा मंगलवार को राजकोषीय संकट टाले जाने के लिए विधेयक पारित किए जाने का निवेशकों की धारणा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। यूरोपीय बाजारों में मजबूत रुख से भी बाजार धारणा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। यूरोपीय बाजार 19 माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया।
ब्रोकर दीपका पहवा ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से बाजार में तेजी को बल मिला। कुल मिलाकर सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में से 23 लाभ में जबकि सात नुकसान में रहे।