देश के शेयर बाजारों में आगामी सप्ताह निवेशकों की निगाह कंपनियों के तिमाही परिणामों पर टिकी रहेगी। इसके अलावा निवेशक, विदेशी संस्थागत निवेशकों की चाल और रुपये की दिशा पर भी गौर करेंगे।
निवेशक मौजूदा कारोबारी साल की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के कंपनियों के परिणामों से निवेश की अगली रणनीति तय करेंगे।
अगले सप्ताह सोमवार, 20 जनवरी को एशियन पेंट्स और अल्ट्राटेक सीमेंट, मंगलवार को अशोक लीलैंड, कोलगेट-पामोलिव, कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा कॉफी, थर्मेक्स और टोरेंट फार्मा के परिणाम आएंगे।
बुधवार को एचडीएफसी, एलएंडटी, डाबर इंडिया, बायोकॉन, महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज और जी एंटरटेनमेंट, गुरुवार को केयर्न इंडिया, डिश टीवी इंडिया, इंडियन बैंक, एलएंडटी फाइनेंस होल्डिंग्स और भारती इंफ्राटेल के परिणाम आएंगे।
शुक्रवार को कोरोमंडल इंटरनेशनल, इंजीनियर्स इंडिया, कर्नाटक बैंक और एसकेएस माइक्रोफाइनेंस के परिणाम आएंगे।
जनवरी में अब तक (15 जनवरी तक) विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुद्ध 1,589.70 करोड़ रुपये के शेयरों की लिवाली की है। एफआईआई ने दिसंबर 2013 में 16085.80 रुपये की लिवाली की थी। वर्ष 2013 में एफआईआई ने 1,13,135.70 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की थी।
अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा बांड खरीदारी के मासिक कार्यक्रम में कटौती के फैसले से बाजार में तरलता घट सकती है और इसका नकारात्मक असर बाजार की चाल पर देखने को मिल सकता है। गत महीन फेड ने जनवरी 2014 से अपने बांड खरीदारी कार्यक्रम को प्रति माह 85 अरब डॉलर से घटाकर 75 अरब डॉलर करने का फैसला किया है।
अमेरिका के सकारात्मक आर्थिक आंकड़े आने की दिशा में फेड राहत में कटौती के रास्ते पर और तेजी से आगे बढ़ने का फैसला ले सकता है।
देश में आगामी आम चुनाव का भी शेयर बाजारों की चाल पर असर होगा। स्थिर सरकार आने की दशा में शेयर बाजारों में तेजी आने की संभावना है।
फेडरल रिजर्व की नीति निर्मात्री समिति फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (एफओएमसी) 28 और 29 जनवरी को बैठक करने वाली है। इधर देश में रिजर्व बैंक भी 28 जनवरी को तीसरी तिमाही की मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगी। निवेशकों को इन दोनों घटनाक्रमों का बेसब्री से इंतजार होगा।