जून में समाप्त तिमाही में देश की वृद्धि दर में शानदार बढ़ोतरी के बाद सोमवार को शेयर बाजार की सकारात्मक शुरुआत हो सकती है।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोयला ब्लॉकों का भविष्य तय किए जाने तथा चालू खाते के घाटे (कैड) का आंकड़ा आने के कारण बाजार में सतर्कता की धारणा रह सकती है।
अप्रैल-जून की तिमाही में खनन, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के सुधरे हुए प्रदर्शन के कारण देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर ढाई वर्ष के उच्चतम स्तर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच गई। वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि यह रुख शेष वर्ष में भी जारी रहेगा। बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि निवेशकों की नजर इस सप्ताह आने वाले चालू खाते के घाटे के आंकड़े पर भी रहेगी।
इसके अलावा निवेशकों की निगाह उच्चतम न्यायालय के कोयला ब्लॉक के आवंटन के बारे में आने वाले फैसले पर भी होगी। उन्होंने कहा कि इन सबके अलावा सोमवार को वाहन कंपनियों के बिक्री आंकड़े आएंगे, इसलिए इन कंपनियों के शेयरों पर भी निवेशकों का ध्यान रहेगा।
कियान एनालिटिक्स के सह-संस्थापक और सीईओ अमन चौधरी ने कहा, घरेलू स्तर पर सबकी निगाहें उच्चतम न्यायालय के फैसले पर होगी, क्योंकि उसके द्वारा कोयला ब्लॉकों का भविष्य निर्धारित होगा। बाजार सूत्रों ने कहा कि आगे के संकेतों के लिए विदेशी निवेशकों के निवेश के रुख, वैश्विक संकेतकों, डॉलर के मुकाबले रुपये की घटबढ़ और मॉनसून पर निवेशकों की करीबी निगाह होगी।
रेलिगेयर सिक्योरिटीज लिमिटेड के खुदरा वितरण विभाग के अध्यक्ष जयंत मांगलिक ने कहा, अब सोमवार को बाजार की प्रतिक्रिया जीडीपी आंकड़ों पर होगी, जो बाजार की आगे की दिशा को निर्धारित कर सकता है।
वैश्विक मोर्चे पर गुरुवार को यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) की नीतिगत बैठक होगी, जिसमें अतिरिक्त मौद्रिक प्रोत्साहन दिए जाने की उम्मीद पर सभी की नजर होगी। पिछले सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 218.56 अंकों की तेजी के साथ 26,638.11 पर बंद हुआ था।