नोएडा एक्सप्रेस-वे पर बनी सुपरटेक एमेराल्ड कोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती का रुख अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कंपनी डूब जाए, मर जाए, हमें इससे मतलब नहीं. खरीदारों को पैसा वापस देना होगा. सुपरटेक को 17 खरीदारों को जनवरी 2015 से आज तक के मूलधन का 10 फीसदी सालाना ब्याज दर के हिसाब से चार हफ्ते में देने को कहा.
कोर्ट ने सुपरटेक को कहा कि ये पैसा देने के बाद कोर्ट में इसका चार्ट जमा करें. वहीं सुपरटेक ने कहा कि कंपनी की ओर से सभी को पैसे दिए जा रहे हैं. नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (NBCC) ने रिपोर्ट जमा करने के लिए चार हफ्ते का वक्त मांगा. सुप्रीम कोर्ट अब 25 अक्टूबर को सुनवाई करेगा.
एनबीसीसी को टावरों की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौपनी थी. एनबीसीसी को बताना था कि एमेराल्ड कोर्ट के निर्माण में नियमों का पालन किया गया है या नहीं? दोनों टावरों के बीच में दूरी तय नियमों के मुताबिक है या नहीं? साथ ही सुप्रीम कोर्ट उन 14 खरीदारों की याचिका पर भी सुनवाई कर रहा था जिन्होंने अपना पैसा वापस दिलाने की याचिका दाखिल की.
दरअसल नोएडा की एमेराल्ड कोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सुनवाई में कोर्ट ने सुपरटेक कंपनी को बड़ा झटका देते हुए कंपनी को कहा था कि 5 करोड़ रुपये सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कराए. कोर्ट ने कहा था कि जब तक आप पैसा नहीं जमा कराते तब तक हम आपकी याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे. हालांकि सुपरटेक ने ये रुपये जमा करा दिए थे.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट नोएडा एक्सप्रेस वे पर बनी एमेराल्ड कोर्ट की 40 मंजिली दो टावरों के मामले की सुनवाई कर रहा है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दोनों टावरों को अवैध घोषित कर गिराने के आदेश दिए थे लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी और टावर को सील करने के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने 14 फीसदी ब्याज के साथ खरीदारों को रकम वापस करने के लिए कहा था.