वाहन कंपनी टाटा मोटर्स में बड़ी संख्या में अस्थायी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। कंपनी में कुल 5,000 अस्थायी कर्मचारी हैं, जिसमें से अनुमानित 75 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी कर दी गई है।
टेल्को वर्कर्स यूनियन (टीडब्ल्यूयू) के महासचिव चंद्रभान सिंह ने कहा कि अस्थायी कर्मचारियों की सेवाओं की समाप्ति केवल एक नियमित प्रक्रिया रही है, जो उत्पादन पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि करीब 75 प्रतिशत अस्थायी कर्मचारियों को इस संबंध में नोटिस जारी किया गया था। केवल उन्हीं विभागों से कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गई हैं, जहां लक्ष्य हासिल किए जा चुके हैं।
संपर्क किए जाने पर टाटा मोटर्स के कॉरपोरेट संचार प्रमुख देबासीस रे ने मुंबई से बताया, हम मांग के हिसाब से कर्मचारियों को रखते हैं और काम पूरा होने पर उन्हें दूसरा काम तलाशने को कहते हैं। इसमें कोई असामान्य बात नहीं है।