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राज्यसभा में बहुप्रतीक्षित रियल इस्टेट बिल पारित, बिल्डरों पर लगेगी लगाम

कांग्रेस से सकारात्मक संकेत मिलने के बाद गुरुवार को राज्यसभा में रियल एस्टेट बिल पेश किया गया और यह पारित भी हो गया।
NDTV Profit हिंदीReported by Akhilesh Sharma, Edited by Suryakant Pathak
NDTV Profit हिंदी07:48 PM IST, 10 Mar 2016NDTV Profit हिंदी
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देश भर में घर खरीदने वालों के लिए बहुत बड़ी खबर है। उनके हितों की रक्षा के लिए गुरुवार को रियल इस्टेट रेग्यूलेटरी अथारिटी बनाने का बिल राज्यसभा में पास हो गया। लाखों लोगों के सिर पर छत का सपना अब न टूटे इसके लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।

लाखों लोगों को मिलेगी राहत
खरीदारों के अधिकारों की रक्षा और उन्हें कुछ बिल्डरों की धोखाधड़ी से बचाने के लिए रियल इस्टेट रेग्यूलेटरी अथारिटी बनाने का बिल आखिरकार राज्यसभा ने पास कर दिया। संसदीय कार्य मंत्री एम वेकेंया नायडू ने कहा कि इससे देश भर के लाखों लोगों को राहत मिलेगी।

दो तिहाई ग्राहकों की मंजूरी के बिना नहीं होगा प्रोजेक्ट में बदलाव
इस बिल में प्रावधान किया गया है कि कोई भी बिल्डर अपने प्रोजेक्ट में दो तिहाई ग्राहकों की मंजूरी के बगैर बदलाव नहीं कर पाएगा। एक प्रोजेक्ट के लिए लिया गया 70 फीसदी पैसा दूसरे प्रोजेक्ट में नहीं लगेगा और इसे एक अलग एकाउंट में रखना होगा। दो साल में हर प्रोजेक्ट पूरा होना चाहिए, मगर अधिकतम एक और साल की छूट मिल सकती है। विज्ञापन और प्रचार में जो बताया जाएगा, उसे डील में शामिल माना जाएगा। मकान का कब्जा देने में जो देरी होगी, उस पर उतना ही ब्याज देना होगा जितना ग्राहक पर भुगतान में देरी पर लगता है। पहली बार कार्पेट एरिया को परिभाषित कर दिया गया है।

कांग्रेस ने दिया सरकार का साथ
लंबे समय से लटके इस बिल को पास कराने में कांग्रेस ने भी सरकार का साथ दिया। पूर्व शहरी विकास मंत्री कुमारी शैलजा ने कहा कि यूपीए सरकार ने भी इसे पास कराने की कोशिश की थी। अब यह बिल फिर लोकसभा में जाएगा क्योंकि इसमें कुछ संशोधन किए गए हैं।

बिल्डर और खरीदार की जवाबदेही तय
जानकारों का कहना है कि रोजगार देने वाला खेती के बाद रियल इस्टेट दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है। मगर इसमें धोखा खाए मध्यम वर्ग की दुखभरी कहानियां किसी का भी दिल तोड़ सकती हैं। अब उम्मीद है कि नए कानून से इसमें न सिर्फ पारदर्शिता आएगी बल्कि बिल्डरों और खरीदारों दोनों की जवाबदेही भी तय होगी।
बिल्डरों पर लगाम लगाने के लिए राज्यसभा में गुरुवार को बहुप्रतीक्षित रियल इस्टेट बिल पारित हो गया। इस बिल के पारित होने से भूमि और भवन की खरीद-फरोख्त के नियमों में बदलाव हो जाएगा। 

गौरतलब है कि शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने पहले ही उम्मीद जताई थी कि बजट सत्र में रीयल एस्टेट बिल पास हो सकता है। सरकार ने पिछले साल मई में भी इस बिल को पास कराने की कोशिश की थी लेकिन विपक्षी पार्टियों के विरोध के कारण यह पास नहीं हो सका था। राहुल गांधी भी इस बिल के समर्थन में कई बयान दे चुके हैं।

जरूरी बातें : रियल एस्टेट बिल 2015...

-एडवांस पैसे का 70% अलग अकाउंट में जमा करना होगा
-हाउसिंग ही नहीं कमर्शियल प्रॉपर्टी पर भी लागू होंगे नियम
-सभी राज्यों में रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन
-अथॉरिटी के साथ बिल्डरों और रियल एस्टेट एजेंटों का रजिस्ट्रेशन
-प्रोजेक्ट के जल्द क्लियरेंस के लिए सिंगल विंडो सिस्टम
-उपभोक्ताओं की शिकायतों की सुनवाई की प्रक्रिया तेज़ होगी
-प्लान में बदलाव से पहले 2/3 ख़रीदारों की मंज़ूरी ज़रूरी होगी

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