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माल्या को वापस लाने के लिए भारत रद्द कर सकता 20 साल पुरानी संधि

देश के कई बैंकों से 9000 करोड़ का कर्ज लेकर विदेश भाग चुके शराब करोबारी विजय माल्या को भारत वापस लाने के लिए मोदी सरकार ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. इसके लिए केंद्र सरकार ब्रिटेन के साथ दो दशक पुरानी उस संधि को समाप्त करने पर विचार कर रही है जो विजय माल्या के प्रत्यर्पण में रोड़ा बनी हुई है.
NDTV Profit हिंदीRahul Shrivastava
NDTV Profit हिंदी03:39 PM IST, 18 Aug 2016NDTV Profit हिंदी
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देश के कई बैंकों से 9000 करोड़ का कर्ज लेकर विदेश भाग चुके शराब करोबारी विजय माल्या को भारत वापस लाने के लिए मोदी सरकार ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. इसके लिए केंद्र सरकार ब्रिटेन के साथ दो दशक पुरानी उस संधि को समाप्त करने पर विचार कर रही है जो विजय माल्या के प्रत्यर्पण में रोड़ा बनी हुई है.

गौरतलब है कि ब्रिटेन ने माल्या का प्रत्यर्पण करने में यह कहकर असमर्थता व्यक्त की थी कि उनके पास 1992 से ब्रिटेन का रेजीडेंसी परमिट है जिसके चलते 60 वर्षीय माल्या को वहां पर रहने का अधिकार मिला हुआ है.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी 1,411 करोड़ रुपये की वसूली करना चाहते हैं. साथ ही उनसे पूछताछ करना चाहते हैं. हालांकि मुंबई की एक अदालत द्वारा गैर-जमानती वारंट जारी किए जाने के बाद माल्या का राजनयिक पासपोर्ट 24 अप्रैल को ही रद्द किया जा चुका है.

यूके ने कहा था कि माल्या का प्रत्यर्पण संभव नहीं है क्योंकि ब्रिटेन के नियमों के अनुसार देश में रहने के लिए वैध दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं हैं यदि प्रवेश के समय दस्तावेज़ सही थे. ईडी चाहता है कि केंद्र सरकार 1995 में की गई भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) को लागू करे. इस तरह की संधि का उपयोग आपराधिक गतिविधियों से निपटने के लिए जानकारी का आदान-प्रदान करने के लिए किया जाता है. विदेश मंत्रालय इस मामले में कानूनी विशेषज्ञों की सलाह ले रहा है कि क्या यूके की मदद से इस संधि को रद्द किया जा सकता है या नहीं. 

इससे पहले विजय माल्या ने स्पष्ट किया था कि वह भारत वापस नहीं जाएंगे क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके खिलाफ वहां न्याय नहीं होगा. पिछले महीने एक साक्षात्कार में माल्या ने कहा था कि कोई भी सुनवाई इंग्लैंड या वीडियो कांफ्रेंस द्वारा आसानी से की जा सकती है, "मैं सभी प्रश्नों का जवाब देने के लिए तैयार हूं. लेकिन केवल भारत में ही क्यों? मेरा पासपोर्ट क्यों रद्द किया गया?" 

भारत सरकार का मानना है कि माल्या का प्रत्यर्पण केवल तभी संभव है जब भारत और यूके में उनकी पहचान अपराधी के रूप में स्थापित कर दी जाए. ऐसे में माल्या के पास यूके कोर्ट में अपने बचाव में चुनौती देने का विकल्प रह जाएगा.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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लेखकRahul Shrivastava
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