वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आने वाले समय में और रोमांचक अवसरों का वादा करते हुए रविवार को कहा कि अगामी आम बजट में दूसरी पीढ़ी के तमाम आर्थिक सुधारों की घोषणा की जाएगी।
जेटली ने कहा, देश में अभी ज्यादातर क्षेत्रों को और अधिक खुला बनाने की जरूरत है। इसके लिए पूंजी की वाजिब लागत के साथ-साथ नीतियों व कर व्यवस्था में स्थिरता की जरूरत है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार द्वारा किए गए उपायों के प्रभावी होने के बाद 2015-16 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर छह प्रतिशत से ऊपर पहुंच जाएगी और इसके बाद हम उच्च आर्थिक वृद्धि दर की राह पर चल पड़ेंगे।
बजट 2015-16 की वृहद दिशाओं के बारे में पूछे जाने पर वित्तमंत्री जेटली ने कहा, दूसरी पीढ़ी के सुधारों की पूरी सूची पड़ी है। इसके अलावा ऐसे सुधारों की भी पूरी सूची है, जो इसलिए तैयार खड़ी है, क्योंकि पीछे हुई कुछ चीजों को खत्म किया गया है। उसमें से एक कोयला अध्यादेश है, जो एक चीज को खत्म करने की बात है।
एनडीए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, पिछले छह महीनों के दौरान कई कदम उठाए गए हैं, जिससे उत्साह (जो ठंडा पड़ गया था) सुधरा है।
अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में एक सवाल के जवाब में जेटली ने कहा, अर्थव्यवस्था काफी नीचे चली गई थी और निराशा का भाव फैल गया था, लेकिन बीते छह महीनों के दौरान घरेलू निवेशकों के साथ-साथ विदेशी निवेशकों ने भी काफी रुचि दिखानी शुरू की है, हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था में उनका भरोसा बुरी तरह टूट चुका था।
वित्तमंत्री ने कहा, परिणाम दिखने में अभी भी कुछ समय लगेगा, हालांकि जमीनी स्तर पर कुछ शुरुआती सुधार के संकेत दिखने लगे हैं। मेरा मानना है कि आने वाला समय हमारे लिए काफी रोमांचक होगा और मुझे लगता है कि भारत में निवेश बढ़ेगा। मैं देख रहा हूं कि घरेलू निवेशक भी काफी रुचि ले रहे हैं।
जेटली ने हालांकि इस बात को माना कि माहौल को और ठीक करने के लिए और अधिक उपाय करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसमें न केवल केंद्र के स्तर पर, बल्कि राज्य सरकारों तथा अन्य संस्थाओं की भी भूमिका है, जिसमें संसद में बैठे विपक्षी दल भी शामिल हैं।
वित्तमंत्री से जब यह पूछा गया कि वह कौन से कदम उठाना चाह रहे हैं, तो उनका जवाब था, हमें कई क्षेत्रों को खोलने की जरूरत है जो कि हम कर रहे हैं। इस मामले में हम सही राह पर आगे बढ़ रहे हैं। एक-एक कर और अधिक क्षेत्रों को खोला जाएगा, उनमें संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, आपको निवेशकों को और बेहतर माहौल देना होगा। आपने उन्हें राजनीतिक स्थिरता दी है, लेकिन उन्हें नीतियों व कर प्रशासन में स्थिरता चाहिए और जो बड़ी गड़बड़ियां हुई हैं, उन्हें ठीक करना होगा।