भारतीय श्रम सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में शुक्रवार को उस समय अड़चन पैदा हो गई जब एक यूनियन नेता ने मार्च में असम में अपने एक सहयोगी की हत्या के मामले में राज्य सरकार द्वारा वादे के अनुसार कथित तौर पर सीबीआई जांच के लिए कार्रवाई नहीं करने पर प्रधानमंत्री से जवाब देने की मांग की।
यह वाकया प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मौजूदगी में हुआ जब ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन (एआईसीसीटीयू) की असम इकाई के सचिव सुभाष सेन ने श्रम मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण को बीच में रोकते हुए अपनी बात रखी।
खड़गे ने यूनियन नेता को रोकने का प्रयास किया। उन्होंने विज्ञान भवन में आयोजित सम्मेलन में भाषण देना शुरू ही किया था कि सेन ने अपनी सीट से खड़े होकर एक कर्मचारी की हत्या की घटना का जिक्र करते हुए उसकी निंदा की।
सेन ने कहा कि एआईसीसीटीयू के नेता गंगाराम कौल असम में चाय बागान के मजदूरों के लिए संघर्ष कर रहे थे और 25 मार्च को कथित तौर पर कांग्रेस के लोगों ने उनकी हत्या कर दी।
सेन ने दावा किया, ‘‘घटना के बाद राज्य में बंद रहा और 1 अप्रैल को प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राज्य विधानसभा में सीबीआई जांच का वादा किया था। लेकिन डेढ़ महीने से ज्यादा हो गया और मुख्यमंत्री को जांच एजेंसी को औपचारिक पत्र भेजने का वक्त तक नहीं मिला।’’
हालांकि, इस दौरान मंत्री खड़गे ने अपना भाषण जारी रखा। कुछ मिनट बाद ही सेन अपनी सीट पर बैठ गए। इसके बाद प्रधानमंत्री ने संबोधित किया।
आयोजकों के अनुसार दो दिन तक चलने वाले अधिवेशन में यूनियनों को अपनी बात रखने का पर्याप्त मौका दिया जाता है और सेन को इस प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।