संकट में घिरे उद्योगपति विजय माल्या की परेशानी कम होती नजर नहीं आ रही। उनकी पूर्ववर्ती समूह कंपनी यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड (यूएसएल) ने एक नया खुलासा करते हुए कहा है कि कंपनी से 1,225.3 करोड़ रुपए अनुचित लेनदेन माल्या से जुड़ी किंगफिशर एयरलाइंस और उनकी फार्मूला वन टीम सहित विभिन्न कंपनियों के साथ किया गया।
‘अतिरिक्त जांच’ के बाद हुआ खुलासा
यूएसएल ने स्पष्ट किया है कि माल्या के साथ कुछ महीने पहले किए गए समझौते में यह ताजा खुलासा शामिल नहीं है। राशि के दुरुपयोग का यह मामला कंपनी द्वारा की गई ‘अतिरिक्त जांच’ के बाद सामने आया है। यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड यानी यूएसएल पर अब वैश्विक शराब कंपनी डियाजिओ का नियंत्रण है। यूएसएल ने कहा है कि इस राशि के देनदारी के लिए कंपनी के पूर्व चेयरमैन पर दावा बनता है।
माल्या पिछले कुछ महीनों से ब्रिटेन में हैं। भारत में गिरफ्तारी से बचने के लिए वह ब्रिटेन भाग गए। इस साल की शुरुआत में उन्होंने यूएसएल के साथ एक समझौता किया था जिसके तहत उन्हें कंपनी का निदेशक और चेयरमैन पद छोड़ने के लिए 500 करोड़ रुपए देने का वादा किया गया। कई बैंकों ने माल्या को जानबूझकर बैंक का कर्ज नहीं चुकाने वाला डिफाल्टर घोषित किया है। माल्या पर बैंकों का करोड़ों रुपए का कर्ज बकाया है।
अतिरिक्त जांच रिपोर्ट पर किया गया विचार विमर्श
यूएसएल बोर्ड की आज (रविवार) एक बैठक में अतिरिक्त जांच रिपोर्ट पर विचार विमर्श किया गया। बोर्ड ने इस जांच का आदेश अप्रैल 2015 में शुरुआत जांच में पाई गई खामियों को दूर करने के लिए दिया गया था। उस समय की जांच में भी 1,337 करोड़ रुपए के ऋण में अनुचित व्यवहार पाया गया। यह राशि भी यूएसएल से माल्या के नेतृत्व वाले पूववर्ती यूबी समूह से जुड़ी कंपनियों को दी गई।
यूएसएल ने बंबई शेयर बाजार को भेजी ताजा जानकारी में कहा है कि अतिरिक्त जांच में पहली नजर में यह पता चलता है कि 913.5 करोड़ रुपए का वास्तवित और संभावित कोष इधर से उधर किया गया। यह राशि 31 मार्च 2015 की विनिमय दर के आधार पर तय की गई है। इसके अलावा यूएसएल और उसकी भारतीय तथा विदेशी अनुषंगियों के बीच 311.8 करोड़ रुपए का अनुचित लेनदेन संभावित है।
अक्तूबर 2010 से जुलाई 2014 की अवधि के लेनदेन की जांच
अतिरिक्त जांच के दौरान यह लेनदेन उस समय सामने आया जब अक्तूबर 2010 से जुलाई 2014 की अवधि के लेनदेन की जांच की गई। हालांकि, इसमें कहा गया है कि कुछ लेनदेन इस जांच अवधि से भी पहले के हुए लगते हैं। यह वह समय था जब यूबी समूह का कंपनी पर नियंत्रण था।
बीएसई फाइलिंग में कहा गया है कि अतिरिक्त जांच में सामने आए इन अनुचित लेनदेन में ज्यादातर मामलों में धन का अंतरण उन भारतीय और विदेशी इकाइयों में किया गया जो कि यूएसएल के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन विजय माल्या से जुड़ी हुई लगती हैं।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)