ADVERTISEMENT

गैस कीमतों में वृद्धि नहीं टलेगी, 1 अप्रैल से ही लागू होंगे नए दाम : मोइली

पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने आज कहा कि सरकार गैस मूल्य वृद्धि के निर्णय को वापस नहीं लेगी। देश में गैस उत्पादक कंपनियों को 1 अप्रैल, से 2014 से बढ़ाने की अनुमति दी गई है, जो मौजूदा मूल्य का दोगुना हो जाएगा।
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी02:26 PM IST, 14 Feb 2014NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने आज कहा कि सरकार गैस मूल्य वृद्धि के निर्णय को वापस नहीं लेगी। देश में गैस उत्पादक कंपनियों को 1 अप्रैल, से 2014 से बढ़ाने की अनुमति दी गई है, जो मौजूदा मूल्य का दोगुना हो जाएगा।

मोइली ने गैस मूल्य बढ़ाने को लेकर अपने एवं कुछ अन्य के खिलाफ दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दर्ज प्राथमिकी को ‘असंवैधानिक’ बताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तीखी आलोचना की। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कुछ सेवानिवृत्त अधिकारियों की शिकायत पर यह प्राथमिकी दायर करने का निर्देश दिया था।

मोइली ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा, इस पर (मूल्य बढ़ाने के निर्णय पर) रोक लगाने का सवाल ही कहां उठता है। यह (सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के उत्पादकों दोनों के लिए गैस मूल्य बढ़ाने की अनुमति देने का निर्णय) एक सरकारी प्रक्रिया के जरिये की गई है। इस पर मंत्रिमंडल द्वारा दो बार विचार किया गया और दोबारा इसे मंजूरी दी गई है। नई दरें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा गठित समिति की सिफारिशों पर आधारित है और इस समिति का गठन मोइली के पूर्ववर्ती एस. जयपाल रेड्डी के अनुरोध पर प्रधानमंत्री ने किया था।

नई दरें प्रति इकाई (एमएमबीटीयू) 4.2 डॉलर से बढ़कर 8-8.4 डॉलर हो जाएंगी। इस सप्ताह की शुरुआत में, केजरीवाल ने देश में गैस की कृत्रिम कमी पैदा करने और दाम बढ़ाने के लिए मोइली, रिलायंस इंडस्ट्रीज और इसके चेयरमैन मुकेश अंबानी के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज कराने के आदेश दिए थे।

मोइली ने कहा, मुझे नहीं लगता कि दिल्ली सरकार हमारा अपीलीय न्यायाधिकरण है। वे जो कुछ भी कर रहे हैं वह पूरी तरह से असंवैधानिक है और निश्चिततौर पर संघीय ढांचे के सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि एफआईआर ‘एक बहुत स्पष्ट मामला है कि वे संविधान से परे अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं और बल्कि मैं तो यह कहूंगा कि यह सांविधिक प्रावधानों के उलट है। मोइली ने कहा कि ओएनजीसी जैसी सार्वजनिक कंपनियों व आरआईएल को अंतरराष्ट्रीय गैस बाजारों में मौजूदा एवं पिछले 12 महीने में ईंधन आयात की लागत के औसत मूल्यों के बराबर कीमत वसूलने की अनुमति, रंगराजन समिति की सिफारिशों पर आधारित है।

उन्होंने कहा,  वह (रंगराजन) एक प्रख्यात अर्थशास्त्री हैं और मैंने उनकी सिफारिशों में एक भी शब्द, पूर्ण विराम. कुछ भी नहीं बदला है इसलिए गैस मूल्य वृद्धि पर मोइली का फैसला कहां है। मोइली ने कहा,  रंगराजन समिति का गठन जयपाल रेड्डी द्वारा किया गया था जो उस समय पेट्रोलियम मंत्री थे। मैंने अपनी जरूरतों के मुताबिक, समिति गठित नहीं की है।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या वह एफआईआर के खिलाफ उच्च अदालत में जाएंगे तो मोइली ने कहा कि इस पर निर्णय मंत्रिमंडल और प्रधानमंत्री को करना है, क्योंकि गैस का मूल्य बढ़ाने का निर्णय उनका व्यक्तिगत निर्णय नहीं था।

उन्होंने कहा, मंत्रिमंडल द्वारा इसे दो बार (पहली बार जून, 2013 में और फिर दिसंबर में) मंजूरी दी गई। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र के ग्लोबल कांपैक्ट नेटवर्क की भारतीय शाखा द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में मोइली ने कहा कि जब तक प्रतिस्पर्धी मूल्य नहीं दिए जाते, देश के लिए ऊर्जा सुरक्षा हासिल नहीं की जा सकती।

उन्होंने कहा,  4.2 डॉलर (गैस मूल्य) पर ओएनजीसी द्वारा की गई कई खोजों को डीजीएच द्वारा वित्तीय रूप से अव्यवहारिक करार दिया जा चुका है। अधिक मूल्य देने से उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी और आयात पर अंकुश लगेगा, जो 14 से 18 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट की लागत पर होता है।

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT