ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन को बड़ा झटका देते हुए सरकार ने दूरसंचार कंपनी के साथ 20,000 करोड़ रुपये का कर विवाद निपटाने के लिए अपना सुलह प्रस्ताव वापस लेने और बकाए की वसूली की योजना आगे बढ़ाने का निर्णय किया है।
सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने वोडाफोन इंटरनेशनल होल्डिंग के साथ सुलह की प्रक्रिया वापस लेने के संबंध में एक कैबिनेट नोट जारी किया है।
मंत्रिमंडल ने 2007 में हचिसन एस्सार में हचिसन वैंपोआ की हिस्सेदारी के सौदे में पूंजीगत लाभ पर कर के दायित्व संबंधी विवाद को हल करने के लिए वोडाफोन के साथ सुलह वार्ता के लिए वित्त मंत्रालय के एक प्रस्ताव को पिछले साल जून में मंजूरी दी थी।
यद्यपि वित्त मंत्रालय लंबे समय से लटके इस कर विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालना चाहता था, लेकिन कंपनी के ढुलमुल रवैये के चलते वार्ता विफल हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक, कंपनी वोडाफोन इंडिया सर्विसेज पर 3,700 करोड़ रुपये के ट्रांसफर प्राइसिंग सबंधी मामले को पूंजीगत लाभ कर मुद्दे के साथ जोड़ना चाहती थी और उसकी यह मांग वित्त मंत्रालय को स्वीकार नहीं थी।
जहां वर्ष 2007 में हुए अधिग्रहण सौदे के संबंध में कंपनी पर 7,990 करोड़ रुपये का कर लगाया है। इस राशि पर जुर्माना और जमा ब्याज सहित बकाया राशि 20,000 करोड़ रुपये हो गयी है।
सूत्रों के मुताबिक, राजस्व विभाग जमा ब्याज और जुर्माने सहित कर मांग को आगे बढ़ाएगा। कंपनी के साथ कर विवाद का गैर-बाध्यकारी सुलह वार्ता के जरिए समाधान करने के मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद आयकर विभाग ने कंपनी के खिलाफ कर नोटिस पर कारवाई रोक दी थी। वार्ता का प्रस्ताव वापस लेने के वित्त मंत्रालय के निर्णय से कानून मंत्रालय द्वारा सहमति जताए जाने के बीच मंत्रिमंडल जल्द ही इस मामले पर विचार कर सकता है।
कानून मंत्रालय ने नए कैबिनेट नोट पर अपनी टिप्पणी में कहा है, 'आयकर विभाग कंपनी से बकाया वसूली के लिए आयकर कानून के प्रावधानों के तहत आगे की कार्रवाई कर सकता है।' वहीं वोडाफोन ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार किया।
इससे पहले, दिसंबर, 2013 में वोडाफोन ने पूंजीगत लाभ कर विवाद निपटाने की इच्छा जाहिर करते हुए सुझाव दिया था कि आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष उसके ट्रांसफर-प्राइसिंग मामले को 2007 के विवाद के साथ जोड़ दिया जाना चाहिए।
न्यायाधिकरण ने दिसंबर में ट्रांसफर-प्राइसिंग विवाद में वोडाफोन पर आयकर विभाग के 3,700 करोड़ रुपये के कर के दावे पर रोक लगा दी थी और कंपनी को शुरुआती भुगतान के तौर पर 200 करोड़ रुपये जमा करने और बाकी रकम के लिए बैंक गारंटी देने को कहा था।
ट्रांसफर-प्राइसिंग मामला पुणे स्थित बीपीओ इकाई वोडाफोन इंडिया सर्विसेज में वोडाफोन के शेयरों का 246.38 करोड़ रुपये में वोडाफोन टेलीसर्विसेज मॉरीशस को हस्तांतरण से जुड़ा है। आयकर विभाग के मुताबिक, इन शेयरों का मूल्य कम दिखाया गया।