ADVERTISEMENT

हमने भारत से ऋण की मांग नहीं की है : माले

मालदीव सरकार ने कहा कि उसने भारत द्वारा स्वीकृत 10 करोड़ डॉलर की स्वीकृत ऋण सुविधा के तहत और धन जारी करने की अभी मांग नहीं की है।
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी08:02 PM IST, 07 Dec 2012NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

मालदीव सरकार ने कहा कि उसने भारत द्वारा स्वीकृत 10 करोड़ डॉलर की स्वीकृत ऋण सुविधा के तहत और धन जारी करने की अभी मांग नहीं की है। यह बात ऐसे समय कही गई है जबकि यह खबर आ रही थी कि माले हवाई अड्डे के परिचालन का भारतीय कंपनी जीएमआर का अनुबंध खत्म किए जाने के बाद भारत ने उसे ऋण सहायता बंद कर दी है।

मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा ‘‘हमने स्वीकृत ऋण सुविधा के तहत और अधिक ऋण जारी किए जाने की मांग नहीं की है।’’ उन्होंने कहा ‘‘हमारे लिए पांच करोड़ डॉलर बांड था जिसकी परिपक्वता अवधि इसी सप्ताह शुरू में पूरी हुई थी और उसका भुगतान किया जा चुका है।’’

भारत ने 2011 में मालदीव की राजकोषीय स्थिति को स्थिर करने के लिए एक समझौता किया था जिसके तहत इसने 10 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा दी गई थी।

इस समझौते के तुरंत बाद भारत ने पांच करोड़ डॉलर की राशि जारी की थी। बाद में इस साल फरवरी में नई सरकार बनने के बाद दो करोड़ डॉलर दिए गए।

शेष तीन करोड़ डॉलर की राशि अभी भारत के पास ही हैं क्योंकि मालदीव ने इस राशि को जारी करने की कोई मांग नहीं की है। स्वीकृत ऋण ग्राही पक्ष की आवश्यकता और मांग के आधार पर जारी किया जाता है।

नई दिल्ली के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार मालदीव की ऋण सहायता की मांग की ध्यान से समीक्षा की जाएगी। इस समय उसके साथ संबंध खराबों में गिरावट है।

भारत ने मालदीव को पहले ही बता दिया है कि जीएमआर के अनुबंध को खत्म करने के आपसी संबंध पर गंभीर असर होगा। भारत ने कहा है कि मालदीव कानून के रास्ते पर न चला तो उस स्थिति में ऐसी स्थिति में कई तरह के विकल्पों पर विचार कर रहा है और इनमें उसके साथ सहयोग कार्यक्रमों को कम करना भी शामिल होगा।

इस बीच विदेशी मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा ‘‘’यदि उन्होंने (मालदीव सरकार ने) अपन समाज और देश के हित में कोई फैसला किया है और यदि यह फैसला कानूनसम्मत है जो किसी को क्या आपत्ति हो सकती है। हम चाहेंगे कि फैसला जो भी हो इससे हमारे दोस्ताना संबंध पर कोई सवालिया निशान नहीं लगना चाहिए।’

उन्होंने यह भी कहा ‘‘यदि मालदीव में किसी भी धड़े की मंशा है कि हमारा सम्बंध प्रभावित हो तो उन पर नियंत्रण होना चाहिए। मुझे लगता है कि मालदीव और इसकी जनता इस चीज को अच्छी तरह जानती है और मुझे भरोसा है कि वे ऐसा ही करेंगे।’’

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT