वित्त सचिव अरविंद मायाराम ने गुरुवार को कहा कि इस सप्ताह कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल से कम होने के कारण सरकार को डीजल सब्सिडी समाप्त करने और वित्तीय घाटा का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।
मायाराम ने यहां एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसोचैम) की एक बैठक में कहा, "हम तेल के मामले में खुशकिस्मत रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "मौजूदा कारोबारी साल में पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी खर्च 63,427 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो एक साल पहले 83,998 करोड़ रुपये था।"
वित्त सचिव ने कहा कि इसके कारण सरकार वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.1 फीसदी पर रखने में कामयाब रहेगी।
मायाराम ने कहा, "नकद सब्सिडी भुगतान (डीबीटी) लागू होने के कारण भी सब्सिडी खर्च काफी घटेगा।"
औद्योगिक उत्पादन आंकड़ों के मुताबिक कंपनियों के ठेकों में वृद्धि हो रही है और इस आधार पर मायाराम ने उम्मीद जताई कि भारतीय रिजर्व बैंक जरूरत से अधिक समय तक दरों को उच्च स्तर पर नहीं रखेगा।
उन्होंने कहा, "महंगाई दर नीचे आ रही है, इसलिए उम्मीद है कि (रिजर्व बैंक का) सुविधा जनक स्तर जल्द हासिल हो जाएगा।"