लोकसभा में जीएसटी विधेयक पेश करने के एक दिन बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि सरकार बीमा क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसमें राजनीतिक अवरोध को आड़े नहीं आने दिया जाएगा।
उद्योग मंडल फिक्की की 87वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, सरकार इन (बीमा क्षेत्र) सुधारों को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस तरह के सुधारों को रोकने अथवा इनमें देरी के लिए संसद की कार्यवाही बाधित करने की नीति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
तृणमूल कांग्रेस का नाम लिए बिना जेटली ने कहा, राजनीतिक दल जिसके सदस्य कथित तौर पर चिट फंड घोटाले में शामिल रहे हैं, वह राज्यसभा, जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बहुमत में नहीं है, के कामकाज में बाधा खड़ी कर ध्यान बंटाने की कोशिश कर रहा है।
वित्तमंत्री ने खेद जताते हुए कहा कि बीमा विधेयक को संसद की स्थायी समिति और राज्यसभा की प्रवर समिति मंजूरी दे चुकी है, लेकिन संसद के एजेंडा में यह विधेयक नहीं आ पाए, इसके लिए राजनीतिक गतिरोध की नति अपनाई जा रही है।
बीमा संशोधन विधेयक में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा मौजूदा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया है। जेटली ने कहा के इस तरह का व्यवहार ऐसे सुधारों को नहीं रोक सकता है, जिन्हें भारी समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा, इस तरह के राजनीतिक अवरोध की नीति को प्रभावी ढंग से हराने के लिए कई तरह के सुरक्षा उपाय और संवैधानिक प्रणाली मौजूद हैं।
वित्तमंत्री ने कहा कि कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, इन चुनावों के साथ ही राज्यसभा में सदस्यों की गतिरोध खड़ा करने की क्षमता भी कम होती जाएगी।
उन्होंने कहा कि कोयला विधेयक एक अन्य महत्वपूर्ण विधेयक है, जो कि राजनीतिक अड़ंगेबाजी की वजह से राज्यसभा में अटका पड़ा है। यह विधेयक ऐसा है, जिसे लोकसभा ने एकमत से पारित किया है। सभी आशंकाओं को दूर किया गया है, लेकिन उच्च सदन में इस विधेयक को एजेंडा में नहीं आने दिया जा रहा है।