जी समूह के अध्यक्ष सुभाष चंद्र ‘लाई डिटेक्टर टेस्ट’ के लिए यहां की एक अदालत में राजी हो गए हैं लेकिन उनके दो गिरफ्तार संपादकों ने इस जांच का सामना करने से इनकार कर दिया है।
नवीन जिंदल की कंपनी से 100 करोड़ रुपये की कथित वसूली करने की कोशिश करने के मामले में दर्ज प्राथमिकी में चंद्र का भी नाम है।
चंद्र ने कहा कि वह जांच से गुजरने को तैयार हैं बशर्ते उन्हें इसकी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाए।
हालांकि जी के गिरफ्तार संपादक सुधीर चौधरी और समीर आहलूवालिया ने लाई डिटेक्टर टेस्ट से गुजरने से इनकार कर दिया लेकिन वे अपनी आवाज के नमूने देने के लिए राजी हो गए हैं। लाई डिटेक्टर टेस्ट को झूठ पकड़ने वाला परीक्षण भी कहा जाता है।
इस बीच, मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गौरव राव ने दोनों संपादकों को गुरुवार के लिए पेशी वारंट जारी किया और अपने समक्ष चंद्र को भी मौजूद होने को कहा है।
न्यायाधीश ने कहा कि सुधीर और समीर को 13 दिसंबर को पेश करने के लिए वारंट जारी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जहां तक चंद्र की बात है, उनके वकील विजय अग्रवाल ने इस अदालत को बताया है कि वह लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए तैयार हैं।
अग्रवाल ने जांच के लिए सहमति प्रदान करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल उसी सूरत में इस जांच से गुजरेंगे यदि जांच एजेंसी उस प्रक्रिया के बारे में उन्हें बताएगी, जिसे वे जांच के दौरान अपनाएंगे। उन्होंने कहा, ‘चंद्र किसी गंभीर रोग का इलाज करा रहे हैं और इसलिए इस परीक्षण से पहले उन्हें विदेश स्थित अपने चिकित्सकों से सलाह लेनी होगी।’