नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से देशभर के उन निजी स्कूलों के संबंध में उसकी नीति बताने को कहा है जो सरकार द्वारा बहुत कम दर पर उन्हें आवंटित जमीनों पर चल रहे हैं. न्यायमूर्ति मनमोहन ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय को नोटिस जारी करके उनसे इस बारे में जवाब मांगा है कि क्या स्कूलों में प्रवेश के लिए नजदीकी क्षेत्र का मानदंड (नैबरहुड क्राइटेरिया) है.
अदालत ने इस संबंध में दिल्ली सरकार की एक अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र का रख जानना चाहा. दिल्ली सरकार की अधिसूचना के अनुसार डीडीए की जमीन पर बने 298 निजी स्कूलों को सबसे नजदीकी इलाकों के बच्चों को प्रवेश देना होगा. अदालत ने आप सरकार द्वारा तय पड़ोस के मानदंड पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और यहां भूमि तथा विकास कार्यालय का रख भी पूछा है.
अदालत ने कहा कि प्राधिकारों को अपना रख साफ करना होगा क्योंकि निजी स्कूलों को उन्होंने जमीन दी है. इस बीच अदालत ने आज अभिभावकों, स्कूलों और फोरम फॉर प्रमोशन ऑफ क्वालिटी एजुकेशन की याचिकाओं पर दलीलें सुनना शुरू किया जिन्होंने डीडीए की जमीन आवंटित करने वाले पत्र में लगाई गयी एक शर्त को चुनौती दी है कि पास के बच्चों को ही प्रवेश देना होगा.