पत्रकारिता में पांच वर्ष का इंटीग्रेटिड कोर्स शुरू करेगी दिल्ली यूनिवर्सिटी

पत्रकारिता में पांच वर्ष का इंटीग्रेटिड कोर्स शुरू करेगी दिल्ली यूनिवर्सिटी

नयी दिल्ली:

दिल्ली विश्वविद्यालय ‘दिल्ली स्कूल आफ जर्नलिज्म’ की स्थापना कर अगले साल से पत्रकारिता में पांच साल का एकीकृत पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है जिसमें पत्रकारिता के सभी आयामों को शामिल कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जायेगी. इसके साथ ही पत्रकारिता के मौजूदा पाठ्यक्रम भी जारी रहेंगे.

दिल्ली स्कूल आफ जर्नलिज्म के तहत शुरू किये जाने वाले पांच वर्ष के इस पाठ्यक्रम में छात्रों के पास यह सुविधा रहेगी कि वे चाहें तो तीन साल बाद स्नातक की डिग्री लेकर ही रूक जायें या वे चाहे तो पांच वर्ष पूरे कर स्नातकोत्तर तक की डिग्री हासिल करें.

इस पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए एक उत्कृष्ट केन्द्र स्थापित करना और युवाओं को प्रशिक्षण देना है ताकि वे क्षमता, कौशल और पेशेवराना रवैये के साथ इस पेशे में प्रवेश कर सकें.

दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश त्यागी ने बताया, ‘‘दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रस्तावित ‘दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म’ का मुख्य उद्देश्य उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए एक उत्कृष्ट केन्द्र स्थापित करना और युवाओं को प्रशिक्षण देना है ताकि वे क्षमता, कौशल और पेशेवराना रवैये के साथ इस क्षेत्र में प्रवेश करें.’’

उन्होंने बताया, ‘‘इस पाठ्यक्रम में रिपोर्टिंग, एडिटिंग और फोटोग्राफी जैसे कुछ विषय वैसे ही रहेंगे जो पत्रकारिता के मूलभूत आधार हैं और छात्रों को पढ़ाये जाते हैं लेकिन इसमें कुछ नया भी जोड़ा गया है जो बिल्कुल अलग होगा.’’

दिल्ली विश्वविद्यालय के अलावा यहां भारतीय जनसंचार संस्थान, जामिया मिलिया इस्लामिया, इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान सहित कुछ मीडिया घराने और कुछ सरकारी एवं निजी संस्थान पत्रकारिता पाठ्यक्रम में डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रम चला रहे हैं.

पत्रकारिता विषय पर पाठ्यक्रम की रूपरेखा को लेकर बनायी गयी कमेटी की अध्यक्ष सविता दत्ता ने बताया, ‘‘पांच साल का पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है जो दिल्ली विश्वविद्यालय में चल रहे पूर्व के पाठ्यक्रमों से बिल्कुल अलग होगा. इसमें स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों डिग्रियां प्रदान की जाएगी.’’ गौरतलब है कि पत्रकारिता विषय पर बनायी गयी कमेटी की अध्यक्ष सविता दत्ता चाणक्यपुरी स्थित दिल्ली विश्वविद्यालय के मैत्रेयी कॉलेज की प्रधानाध्यापिका भी हैं.

उन्होंने बताया, ‘‘पाठ्यक्रम में क्या-क्या शामिल किया जाए और क्या नहीं, इसके लिए विशेषज्ञों, पेशेवरों, शिक्षकों और पत्रकारों को बातचीत में शामिल किया गया है. इस पाठ्यक्रम में समसामयिक और नये विषयों को भी जगह दी जा रही है.’’ प्रस्तावित पाठ्यक्रम में छात्रों के पास स्नातक तक की पढ़ाई करने के बाद नौकरी में जाने या फिर स्नातकोत्तर की पढ़ाई जारी रखने का विकल्प मौजूद रहेगा और वे अपने विवेक से इस पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होंगे.


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