शायद ही कोई ऐसा कर्मचारी होगा, जिसने ऑफिस में नहीं बोलें होंगे ये 'झूठ'

शायद ही कोई ऐसा कर्मचारी होगा, जिसने ऑफिस में नहीं बोलें होंगे ये 'झूठ'

नई दिल्ली:

ऑफिस में शायद ही कोई ऐसा कर्मचारी होगा, जिसने कभी झूठ न बोला हो. ज्यादातर लोग ऑफिस में अपने आपको बचाने के लिए या किसी प्रॉब्लम से बचने के लिए अक्सर छोटे-मोटे झूठ बोल देते हैं. बचपन से हमें यही सिखाया जाता है कि 'झूठ बोलना पाप है', लेकिन ऑफिस में बिना झूठ बोले काम नहीं चलता है. जानिए ऐसे पांच 'झूठ' जो ऑफिस में काम करने वाले हर एक शख्स ने एक बार तो जरूर बोला होगा...

बहुत ट्रैफिक था
ऑफिस में टाइम पर न पहुंचने पर बहुत से कर्मचारी सबसे ज्यादा एक झूठ का सहारा लेते हैं और वो है 'ट्रैफिक बहुत था'. ये झूठ इसलिए भी सबसे ज्यादा बोला जाता है, क्योंकि ट्रैफिक का वाकई कोई भरोसा नहीं, कब मिले और कब नहीं. हालांकि बार-बार ये झूठ बोलना आपके काम नहीं आने वाला है, क्योंकि आपका बॉस हर बार आप पर ट्रस्ट नहीं करने वाला है.

मैं अभी वही काम कर रहा था
जब भी ऑफिस में किसी कर्मचारी को कोई काम सौंपा जाता है और काम के अपडेट के बारे में बॉस अगर अचानक से पूछ ले, तो ज्यादातर मौकों पर कर्मचारी झूठ ही बोलता है. अपने आपको बचाने के लिए अक्सर लोग कहते हैं कि मैं अभी उसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था या बस थोड़ा और समय दीजिए काम लगभग पूरा हो गया है.

अभी बताता हूं
कई बार लोग ऑफिस के किसी काम से पीछा छुड़ाने के लिए झूठ बोलते हैं. ये ज्यादातर तब होता है, जब उनका कोई साथी उनसे फेवर मांग ले और वो उसका काम करना न चाहते हों. इससे बचने के लिए लोग सीधे मुंह मना करने के बजाए 'मैं बताता हूं' बोल कर बच निकलने का प्रयास करते हैं.

मुझे कहीं और जाना है
अगर किसी कर्मचारी के वीक ऑफ के दिन ऑफिस का कोई फंक्शन होता है, तो वह अक्सर उसमें शामिल न होने के लिए झूठ बोलता है. वीक ऑफ पर ऑफिस आना किसी को अच्छा नहीं लगता है, इसलिए लोग 'मुझे कहीं और जाना है' बोल कर बच निकलने का पूरा प्रयास करते हैं.


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