भारत सरकार ने वर्ष 2017 से जेईई मेन्स परीक्षा के पैटर्न में कुछ बदलाव किए हैं. इंजीनियरिंग अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज में दाखिले के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) में रैंकिंग निर्धारण में 12वीं कक्षा के अंक निर्धारक तत्व नहीं होंगे. यानी 2017 से जेईई रैकिंग में 12वीं कक्षा में आए नंबरों का कोई रोल नहीं होगा.
इसके अलावा जेईई (एडवांस)/जेईई (मेन) रैंकिंग के आधार पर अंडरग्रेजुएट इंजीनियरिंग कोर्सेज में एडमिशन देने वाले आईआईटी/एनआईटी/आईआईआईटी और अन्य केंद्रीय वित्तीय सहायता प्राप्त तकनीकी संस्थानों के लिए क्वालिफाई करने के लिए भी 12वीं कक्षा में कम से कम 75 फीसदी मार्क्स होना अनिवार्य है. या संबंधित बोर्ड द्वारा आयोजित 12वीं कक्षा की परीक्षा में टॉप 20 परसेंटाइल हो. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति संवर्ग के लिए यह योग्यता 65 प्रतिशत है.
गौरतलब है कि देश के तमाम एनआईटी, आईआईआईटी, अन्य केंद्रीय वित्तीय सहायता प्राप्त तकनीकी संस्थानों, इस सिस्टम में शामिल हो चुके राज्यों के संस्थानों और अन्य ढेरों संस्थानों में जेईई (मेन) परीक्षा के प्रदर्शन के आधार पर इंजीनियरिंग अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में दाखिला होता है.
जेईई (मेन) में प्रदर्शन के आधार पर जेईई एडवांस परीक्षा देने का मौका मिलता है. जेईई एडवांस परीक्षा के जरिए ही देश के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी के इंजीनियरिंग कोर्सेज में दाखिला लिया जा सकता है.