खास बातें
- रायडू का वनडे क्रिकेट में औसत है 50 से अधिक
- मुंबई इंडियन्स से जुड़ने के बाद बदली किस्मत
- धोनी से सीखा है बल्लेबाजी के समय दबाव झेलना
नई दिल्ली: मिजाज में टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान विराट कोहली की तरह आक्रामक इस क्रिकेटर को सचिन तेंदुलकर की तरह प्रतिभावान माना जाता था. उनके शॉट देखकर विशेषज्ञ मानते थे कि देश को दूसरा सचिन मिलने जा रहा है और यह भी कि वह जल्द ही सीनियर टीम में दिखेंगे, लेकिन एक ऐसी घटना हो गई कि उसके क्रिकेट करियर में कई साल तक विराम लग गया. इतना ही वह कुछ समय के लिए 'बागी' भी हो गए थे. हालांकि क्रिकेट की मुख्यधारा में वापसी के बाद सचिन की सलाह और मार्गदर्शन ने ही उनके करियर को नया आयाम दिया. हम बात कर रहे हैं अंबाती रायडू की. रायडू का आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं, उनका जन्म 23 सितंबर, 1985 को आंध्रप्रदेश के गुंटूर में हुआ था. आइए जानते हैं कि वह कौन-सा विवाद था, जिसने उनके करियर पर शुरुआती दौर में ही ब्रेक लगा दिए और वह क्यों हो गए थे 'बागी'...
अंबाती रायडू की क्रिकेटीय प्रतिभा को लेकर कभी कोई संदेह नहीं रहा, लेकिन वह गर्म मिजाज के हैं. उन्हें गुस्सा जल्दी आता है. इसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ा है. यह घटना दिसंबर, 2005 की है. अनंतपुर के मैदान पर आंध्रप्रदेश और हैदराबाद के बीच रणजी ट्रॉफी का मैच हो रहा था, जिसमें रायडू आंध्र की ओर से खेल रहे थे. विरोधी टीम में भारत के पूर्व खिलाड़ी शिवलाल यादव के बेटे अर्जुन यादव भी थे. हुआ यह कि रायडू मैच की पहली पारी में महज 20 रन पर ही आउट हो गए, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने आक्रामक खेल दिखाते हुए लेकिन 5 चौके और 1 छक्के की मदद से फिफ्टी ठोक दी. 220 रन के लक्ष्य की पीछा कर रही उनकी टीम मुश्किल में थी, लेकिन रायडू ने एक समय मैच का रुख मोड़ दिया था, तभी पहली पारी की तरह ही वह स्पिनर प्रज्ञान ओझा का शिकार हो गए.
माना जाता है कि इस मैच में हैदराबाद के फील्डरों ने रायडू पर कई कमेंट पास किए थे. दूसरी पारी में जब रायडू पैवेलियन लौट रहे थे, तभी अर्जुन यादव ने पीछे से उन पर कमेंट किए. इसके बाद रायडू भी भिड़ गए. उन्होंने पलटवार करते हुए बहस शुरू कर दी. बात इतनी बढ़ गई कि रायडू ने बैट उठा लिया, तो अर्जुन ने विकेट उखाड़ लिए. बात बिगड़ती देख अंपायरों ने मामला शांत कराया. माना जाता है कि रायडू ने अर्जुन से कहा कि वह टीम में अपने पिता शिवलाल यादव की वजह से हैं. अन्यथा उन्हें टीम में जगह नहीं मिलती.
गौरतलब है कि उस समय अर्जुन के पिता शिवलाल यादव हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव थे. रायडू को इस झगड़े से नुकसान हुआ. कहा जाता है कि शिवलाल ने ही रायडू को हैदराबाद टीम से बाहर करवा दिया था. इससे रायडू के करियर की दिशा बदल गई और वह लंबे समय बाद 28 साल की उम्र में टीम इंडिया के लिए खेल पाए.
बागी क्रिकेट लीग से भी जुड़े
हैदराबाद टीम से बाहर होने के बाद इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी ने 2007 में बीसीसीआई का दामन छोड़ बागी क्रिकेट लीग (आईसीएल) का दामन थाम लिया था. इसका परिणाम यह हुआ कि वह टीम इंडिया में खेलेने के अपने सपने से कोसों दूर हो गए. हालांकि बाद में आईसीएल के फ्लॉप होने पर 2009 में बीसीसीआई ने उन्हें घरेलू क्रिकेट में वापसी का मौका दे दिया. उन्होंने हैदराबाद छोड़ बड़ौदा टीम से जुड़ना उचित समझा. फिर आईपीएल से भी जुड़ गए. उन्हें आईपीएल 2010 में पहचान मिली.
सचिन ने संवारा, धोनी से सीखा प्रेशर हैंडल करना
रायडू को पहचान मुंबई इंडियन्स से जुड़ने के बाद मिली, जब सचिन ने उनकी सराहना की और उन्हें प्रेरित किया. आईपीएल, 2011 में सचिन ने अपना मैन ऑफ द मैच भी उन्हें दे दिया था. रायडू ने एक इंटरव्यू में यह भी कहा था कि सचिन तेंदुलकर और रॉबिन सिंह की सलाह से उन्हें बुरे दौर से बाहर निकलने में मदद मिली. रायडू भले ही स्वभाव से आक्रामक नजर आते हैं, लेकिन दबाव के समय बल्लेबाजी में उन्हें महारत हासिल है. उन्होंने आईपीएल और इंटरनेशनल मैचों में ऐसा करके दिखाया भी है. वह इसका श्रेय टीम इंडिया के वनडे कप्तान एमएस धोनी को देते हैं. उन्होंने मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा था कि वह धोनी को इन हालात में खेलते हुए देख चुके हैं. वह देखते रहते हैं कि वह (धोनी) क्या करते हैं और कैसे दबाव पर काबू पाते हैं. उन्होंने कहा कि आप बाहर रहकर भी काफी कुछ सीख सकते हैं.
भज्जी से भी भिड़ चुके हैं
बात आईपीएल 2016 की है. इस बार रायडू हरभजन सिंह से भिड़ गए. दोनों एक ही टीम मुंबई इंडियन्स की ओर से खेल रहे थे. राइजिंग पुणे के खिलाफ इस मैच में फील्डिंग के समय हरभजन सिंह की एक गेंद पर रायडू बाउंड्री नहीं रोक पाए. फिर क्या था भज्जी ने नाराजगी जाहिर कर दी. रायडु भी आपा खो बैठे. बाउंड्री रोकने के चक्कर में अंबाती रायडू ने छलांग भी लगाई थी, लेकिन नाकाम रहे. भज्जी के कमेंट के बाद रायडू भी उनकी तरफ चल दिए. हालांकि बात आगे बढ़ती इससे पहले ही भज्जी ने रायडू को मनाने की कोशिश की.
वनडे में कमाल का औसत
टीम इंडिया की ओर से उन्होंने 34 वनडे में 2 शतक और 6 फिफ्टी के साथ 1055 रन बनाए हैं. उनका औसत 50.23 है. रायडू भारत के लिए 6 टी-20 मैच भी खेल चुके हैं, जिनमें 42 रन ही बनाए हैं. उनके नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 94 मैचों में 5873 रन हैं, जिनमें 15 शतक और 32 फिफ्टी हैं.