यह ख़बर 13 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

कभी-कभी बोरिंग क्रिकेट भी जरूरी : धोनी

खास बातें

  • त्रिकोणीय सीरीज में भारत को रोमांचक जीत दिलाने वाले भारतीय कप्तान धोनी ने साफ किया कि वह कम लक्ष्य का पीछा करते हुए 'बोरिंग क्रिकेट' खेलने के लिए तैयार हैं, यदि इससे उनकी टीम की जीत सुनिश्चित होती है।
पोर्ट ऑफ स्पेन:

त्रिकोणीय वनडे सीरीज में भारत को रोमांचक जीत दिलाने वाले भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने साफ किया कि वह कम लक्ष्य का पीछा करते हुए 'बोरिंग क्रिकेट' खेलने के लिए तैयार हैं, यदि इससे उनकी टीम की जीत सुनिश्चित होती है।

धोनी ने कहा, मैं 49वें ओवर में एक-एक रन से बच रहा था, क्योंकि अगर मुझे अंतिम गेंद खेलनी पड़ती और मैं इससे चूक जाता तो इससे इशांत पर दबाव बढ़ जाता। वह स्ट्राइक रोटेट करने में इतना अच्छा नहीं है और मैं उसके साथ एक रन लेकर ही सर्वश्रेष्ठ कर सकता था। धोनी ने पुछल्ले बल्लेबाजों की तारीफ की, जिन्होंने ज्यादा रन नहीं बनाने के बावजूद काफी गेंदों का सामना किया।

उन्होंने कहा, इसका श्रेय भुवी को जाता है, क्योंकि उसने कम से कम छह से 10 गेंद मलिंगा की खेली, जिसका मतलब है कि अगले दो बल्लेबाजों को मलिंगा की ज्यादा गेंदों का सामना नहीं करना पड़ता। यह दिलचस्प मैच था, जिसमें सच कहूं, तो हम अच्छी स्थिति में नहीं थे।

उन्होंने कहा, मैं पुछल्ले बल्लेबाजों को जितना संभव हो, उतनी देर तक क्रीज पर चाहता था, जिससे मुझे मौका मिल जाता। रोहित शर्मा सलामी बल्लेबाज के तौर पर अच्छे साबित हुए हैं और कप्तान मुंबई के इस खिलाड़ी के प्रदर्शन से काफी खुश थे। धोनी ने कहा, रोहित का प्रदर्शन शानदार रहा और शुरू से ही आत्मविश्वास से भरा था। उसे रन बनाते हुए देखना अच्छा लगता है। जब वह रन बनाता है, तो इससे मध्यक्रम को मदद मिलती है, लेकिन उसके कुछ शॉट का चयन अच्छा नहीं था।

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जडेजा को 10 ओवर पूरे नहीं कराने के बारे में धोनी ने कहा, क्योंकि बाएं हाथ के दो बल्लेबाज (संगकारा और थिरिमाने) खेल रहे थे, तो मैंने सोचा कि दो ऑफ स्पिनरों अश्विन और रैना को जारी रखना बेहतर होगा। मैंने विराट को भी कुछ ओवर दिए, क्योंकि गेंद ज्यादा पुरानी नहीं हुई थी। मेरे लिए जडेजा से दो ओवर कम कराना ठीक था।