सचिन तेंदुलकर की पसली में लगी थी तेज गेंद, लेकिन इस कारण से विरोधी टीम को पता नहीं चलने दिया

सचिन तेंदुलकर की पसली में लगी थी तेज गेंद, लेकिन इस कारण से विरोधी टीम को पता नहीं चलने दिया

सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग ने टीम इंडिया के लिए कई साझेदारियां की थीं (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

अपने जमाने के दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने वर्तमान समय में भारत के क्षेत्ररक्षण को ‘दुनिया में सर्वश्रेष्ठ’ करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि बेहतर आधारभूत ढांचा और सुविधाएं मिलने से भारतीय टीम ने क्रिकेट के इस महत्वपूर्ण विभाग में तेजी से प्रगति की है. सचिन ने विरोधी खिलाड़ियों को खुद पर हावी होने देने से बचने की सलाह भी दी. इस संबंध में उन्होंने अपने साथ हुई घटना का जिक्र भी किया कि कैसे उन्होंने गेंदबाज को अपनी चोट का अहसास नहीं होने दिया.

सचिन तेंदुलकर ने आईडीबीआई फेडरल लाइफ इन्श्योरेन्स, नई दिल्ली मैराथन की घोषणा के अवसर पर पत्रकारों से कहा, ‘मैदान पर क्षेत्ररक्षण करते समय भी मैं लगातार चहल कदमी करता रहता था. जहां तक विकेटों के बीच दौड़ की बात है तो रनिंग का मतलब केवल दौड़ना नहीं है. आप कितनी जल्दी वापस मुड़ते हो वह भी काफी महत्वपूर्ण है. उस पर भी काफी ऊर्जा खर्च होती है. मैंने उसका अच्छा अभ्यास किया था.’ तेंदुलकर ने इसके साथ ही युवा खिलाड़ियों को भी सलाह दी कि वे अपने प्रतिद्वंद्वी को अपनी कमजोरियों का पता नहीं लगने दें और किसी भी हालात में चेहरे पर शिकन नहीं लाएं.

दर्द सहा, लेकिन पता नहीं चलने दिया
उन्होंने कहा, ‘एक बार तेजी से गेंद मेरी पसली पर लगी. मैंने किसी तरह दर्द सहा. आलम यह था कि तब मेरी आवाज तक नहीं निकल रही थी, लेकिन मैंने गेंदबाज को इसका अहसास नहीं होने दिया. यदि मैं ऐसा करता तो वह और आक्रामक हो जाता. तीन महीने बाद एक स्कैन से मुझे पता चला कि मेरी पसली में चोट लगी है.’

तेंदुलकर ने कहा, ‘मैंने कभी विरोधी को यह अहसास नहीं होने दिया कि मैं थका हुआ हूं. कभी हार नहीं मानो. अगर आपने अपने प्रतिद्वंद्वी को अपनी कमजोरी का अहसास करा दिया तो वह उसे भुनाने की कोशिश करेगा.’

फिटनेस के प्रति अधिक जागरूक हैं खिलाड़ी
तेंदुलकर ने कहा, ‘आजकल खिलाड़ी अपनी फिटनेस के प्रति अधिक जागरूक हैं. ऐसा क्रिकेट ही नहीं हर खेल में देखने को मिल रहा है. पिछले कुछ वर्षों में हमारे क्षेत्ररक्षण के स्तर में बहुत अधिक सुधार हुआ है. अस्सी और नब्बे के दशक में क्षेत्ररक्षण हमारा कमजोर पक्ष हुआ करता था, लेकिन आज हमारा क्षेत्ररक्षण विश्व में सर्वश्रेष्ठ है.’

सचिन ने कहा, ‘पहले उचित आधारभूत ढांचा और सुविधाओं की कमी थी, लेकिन अब खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं. इसका बहुत असर पड़ा है. अब खिलाड़ी मैदान पर डाइव लगाने में नहीं हिचकिचाते हैं.’ तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जितने रन दौड़ कर लिए उसमें उन्होंने लगभग 353 किमी की दूरी पूरी की. अपने फिटनेस मंत्र के बारे में 200 टेस्ट और 463 वनडे मैच खेलने वाले इस स्टार बल्लेबाज ने कहा, ‘मेरा एक रूटीन था और मैं हमेशा उसका अनुसरण करता था. मैंने जब से क्रिकेट खेलना शुरू किया तब से सबसे पहले मैदान पर पहुंच जाता और सबसे आखिर में आता. मैदान पर मुझे कभी थकान महसूस नहीं हुई.’

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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