जानिये लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों पर BCCI ने सुप्रीम कोर्ट में क्या जवाब दिया...

जानिये लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों पर BCCI ने सुप्रीम कोर्ट में क्या जवाब दिया...

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली:

BCCI ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करते हुए लोढ़ा कमेटी की ज्‍यादातर सिफारिशों का विरोध किया है। BCCI ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में कहा कि BCCI के खर्चे ज्‍यादा हैं। इसलिए हर ओवर के बाद विज्ञापन दिखाना जरूरी होता है क्‍योंकि इन विज्ञापनों से खर्चे निकलते हैं। अगर इन विज्ञापनों को न दिखाया जाए जो प्रसारण अधिकारों पर भी इसका असर पड़ेगा। लोढ़ा कमेटी ने अपनी सिफारिश में हर ओवर के बाद विज्ञापन दिखाने को मना किया था।

BCCI ने अपने हलफनामे में कहा कि राज्‍य क्रिकेट एसोसिएशन का सदस्‍य और BCCI का सदस्‍य होना दोनों अलग-अलग बातें हैं। राज्‍य क्रिकेट एसोसिएशन और BCCI दोनों अलग-अलग तरीके से काम करते हैं। ऐसे में लोढ़ा कमेटी की वह सिफारिश सही नहीं है, जिसमें कमेटी ने कहा था कि राज्‍य क्रिकेट एसोसिएशन का सदस्‍य और BCCI का सदस्‍य इन दोनों पदों पर एक व्‍यक्‍ति नहीं हो सकता।

70 साल से ज्‍यादा उम्र के लोग अगर BCCI में रहते हैं तो उनके अनुभवों का BCCI को फायदा मिलेगा। इसलिए लोढ़ा कमेटी की इस सिफारिश को भी नहीं माना जा सकता कि 70 से ज्‍यादा उम्र के व्‍यक्‍ति को BCCI का सदस्‍य नहीं होना चाहिए।

वहीं, BCCI ने लोढ़ा कमेटी की उस सिफारिश का भी विरोध किया है, जिसमें उन्‍होंने कहा था कि कोई मंत्री BCCI का पद नहीं ले सकता। अपने हलफनामे में BCCI ने कहा कि ऐसा करना आर्टिकल 93 का उल्‍लंघन होगा। आर्टिकल 93 कहता है कि किसी भी व्‍यक्‍ति को सदस्‍य बनने से नहीं रोका जा सकता। अगर वह योग्‍य है तो।

BCCI ने यह भी कहा कि हर राज्‍य से एक सदस्‍य का BCCI में शामिल होना संभव नहीं है। ज्ञात हो कि जस्‍टिस लोढ़ा ने अपनी सिफारिश में कहा था कि हर राज्‍य से एक सदस्‍य BCCI का सदस्‍य होना चाहिए।

दरअसल, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कह दिया था कि भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) में सुधारों पर जस्टिस आरएम लोढा पैनल की रिपोर्ट को लागू करना ही होगा। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा था कि मामला खत्म और दूसरी पारी की गुंजाइश नहीं है।

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क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि अब मामला खत्म हो गया है। लोढ़ा पैनल की रिपोर्ट व्यवहारिक और तार्किक, इससे स्वीकार कीजिए। हम जानते हैं कि इससे बड़े लोगों को परेशानी होगी, खासतौर पर बड़े पदों पर बैठे लोगों को। चीफ जस्टिस ने चेतावनी भी दी थी कि अगर BCCI को दिक्कत है तो वो लोढा पैनल को ही समाधान के लिए कहेंगे।