फाइनल से पहले 'महा-मुकाबला' : क्या चेन्नई से बदला ले पाएगा बैंगलोर...?

फाइनल से पहले 'महा-मुकाबला' : क्या चेन्नई से बदला ले पाएगा बैंगलोर...?

नई दिल्ली:

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम दो बार की चैम्पियन है, और आईपीएल के मौजूदा आठवें सत्र के आमने-सामने के दोनों मैचों में बैंगलोर को शिकस्त दे चुकी है, लेकिन इसके बावजूद आईपीएल के क्वालिफायर 2 में कई वजहों से बैंगलोर के तेवर इस बार अलग नज़र आ रहे हैं, और बैंगलोर के फैन्स भी इसे 'बदले के मैच' के रूप में देख रहे हैं।

क्वालिफायर 2, यानी आईपीएल-8 का 59वां मैच चेन्नई और बैंगलोर के बीच रांची में शुक्रवार को रात 8 बजे से खेला जाएगा, और इसे दोनों टीमों के लिए सेमीफाइनल मुकाबला माना जा सकता है, क्योंकि इसमें जीतने वाली टीम रविवार को खेले जाने वाले फाइनल में मुंबई इंडियन्स से भिड़ेगी। मुंबई की टीम ने क्वालिफायर 1 में चेन्नई को ही हराकर खिताबी मुकाबले का टिकट पाया था। इसके बाद एलिमिनेटर मुकाबले में बैंगलोर ने राजस्थान रॉयल्स को हराकर क्वालिफायर 2 में खेलने का अधिकार हासिल किया था।

लीग में टॉप पर रही चेन्नई को भले ही क्वालिफायर 1 में मुंबई के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा, लेकिन अब भी कुछ बातें कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के पक्ष में नज़र आ रही हैं। सबसे अहम पहलू यह है कि मुकाबला कप्तान के घर रांची में खेला जाएगा। इसके अलावा इस सीज़न में दोनों लीग मैचों में भी धोनी की टीम ने विराट कोहली की टीम को जीत हासिल नहीं करने दी थी।

लेकिन चेन्नई की बड़ी मुश्किल यह है कि उसके सलामी बल्लेबाज़ ब्रैंडन मैक्कुलम (आईपीएल-8 के 14 मैचों में 436 रन) अब लॉर्ड्स (इंग्लैंड) में खेले जा रहे टेस्ट मैच में न्यूज़ीलैंड के कप्तान का रोल अदा कर रहे हैं, सो, उनकी जगह टीम में शामिल किए गए माइकल हसी (2 मैचों में 17 रन) के कंधों पर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी आ गई है।

फिर भी सुपर मैच-फिनिशर और सुपर-कप्तान कहे जाने वाले धोनी (15 मैचों में 328 रन) अपनी टीम को छठी बार फाइनल में पहुंचाने की रणनीति से सबको फिर चौंका सकते हैं। उनके अलावा फाफ डू प्लेसी (15 मैचों में 358 रन), सुरेश रैना (15 मैचों में 346 रन) और ड्वेन स्मिथ (14 मैचों में 325 रन) जैसे बल्लेबाज़ चेन्नई की ताकत का अहसास करवाते हैं।

गेंदबाजी की बात करें तो पर्पल कैप की रेस में सबसे आगे चल रहे ड्वेन ब्रावो (15 मैचों में 23 विकेट), वेटरन आशीष नेहरा (14 मैचों में 19 विकेट) और मोहित शर्मा (14 मैचों में 12 विकेट) के अलावा रविचंद्रन अश्विन, ईश्वर पांडेय, रवींद्र जडेजा और पवन नेगी जैसे गेंदबाजी विकल्प भी कप्तान धोनी की ताकत बढ़ाते हैं।

उधर, बैंगलोर की परेशानी यह है कि पंजाब के खिलाफ शतक लगाने के बाद से क्रिस गेल भी अपने अंदाज़ में नहीं चले हैं, और चेन्नई के खिलाफ तो लीग के दोनों ही मैचों में बैंगलोर के त्रिदेव (एबी डिविलियर्स - विराट कोहली - क्रिस गेल) एक साथ चल ही नहीं पाए। बैंगलोर की बल्लेबाज़ी मूल रूप से इन्हीं तीन स्टार बल्लेबाज़ों पर निर्भर करती रही है, क्योंकि मोटे तौर पर तीनों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। एबी डिविलियर्स ने अब तक 15 मैचों में 512 रन, विराट कोहली ने इतने ही मैचों में 493 रन और क्रिस गेल ने 13 मैचों में 450 रन बनाए हैं।

गेंदबाजी के मामले में मिचेल स्टार्क के आने के बाद बैंगलोर के आक्रमण की काया पलट गई है, और वैसे भी, स्टार्क (12 मैचों में 19 विकेट) के अलावा 14 मैचों में 21 विकेट चटका चुके यजुवेंद्र चहल, हर्शल पटेल (14 मैचों में 16 विकेट) और डेविड वीज़ (13 मैचों में 15 विकेट) चेन्नई के बल्लेबाज़ों पर भारी पड़ सकते हैं।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

बैंगलोर ने पिछली दफा आईपीएल का फाइनल तीन साल पहले वर्ष 2011 में खेला था, और चेन्नई से ही हारे थे, सो, इस बार बैंगलोर की टीम क्वालिफायर में चेन्नई को पीटकर धोनी की टीम के हाथों 2011 में मिली हार का बदला चुका सकती है।

अन्य खबरें