रविचंद्रन अश्विन के रूप में एक नए हीरो का उदय, कई खिलाड़ियों को छोड़ा पीछे

रविचंद्रन अश्विन के रूप में एक नए हीरो का उदय, कई खिलाड़ियों को छोड़ा पीछे

आर. अश्विन (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

रविचंद्रन अश्विन, यह नाम क्रिकेट प्रेमियों के बीच काफी लोकप्रिय होता जा रहा है. इस लोकप्रियता के पीछे छिपा हुआ है एक खास कारण और वह है - अश्विन का शानदार प्रदर्शन. महज कुछ साल पहले तक यह नाम एक गेंदबाज़ के रूप में तारीफ बटोर रहा था, लेकिन आज सब कुछ बदल गया है. अब अश्विन सिर्फ एक गेंदबाज़ नहीं बल्कि एक ऑल राउंडर के रूप में क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीतने के साथ-साथ टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की करते जा रहे हैं. अगर वेस्टइंडीज के खिलाफ प्रदर्शन की बात की जाए तो रविचंद्रन अश्विन ने टीम इंडिया के कई बड़े खिलाड़ियों को पीछे छोड़ दिया है. सिर्फ गेंदबाज़ी नहीं वेस्टइंडीज के खिलाफ बल्लेबाजी में भी अश्विन ने अपना दम दिखाया है.

पहले टेस्ट में जीत के नायक साबित हुए
जैसा कि हम जानते हैं टीम इंडिया वेस्टइंडीज के दौर पर है और वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन टेस्ट मैच खेल चुकी है और 2-0 से अजेय बढ़त भी हासिल कर चुकी है. वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए टेस्ट सीरीज जीतने के पीछे अश्विन का सबसे बड़ा योगदान रहा. पहले टेस्ट मैच में बल्लेबाजी और गेंदबाज़ी दोनों ही विभाग में शानदार प्रदर्शन करते हुए अश्विन टीम इंडिया की जीत के नायक बने थे. इस मैच में अश्विन ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 113 रन की पारी खेली थी और वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में सात विकेट लेकर उसे हारने के लिए मजबूर कर दिया था. अश्विन के इस शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें “मैन ऑफ़ द मैच” का भी अवॉर्ड मिला था. इस मैच में कप्तान कोहली ने ज़रूर दोहरा शतक ठोका था लेकिन जीत के नायक आश्विन ही रहे थे.

अश्विन की फिरकी के सामने संघर्ष करते हुए नज़र आये वेस्टइंडीज के बल्लेबाज
दूसरे टेस्ट मैच में भी अश्विन ने शानदार गेंदबाज़ी की थी. यह मैच ज़रूर ड्रॉ रहा था लेकिन अश्विन की फिरकी के सामने वेस्टइंडीज के बल्लेबाज संघर्ष करते हुए नज़र आए थे. इस टेस्ट मैच में अश्विन वेस्टइंडीज की पहली पारी के पांच विकेट लेने में कामयाब हुए थे और दूसरी पारी में भी उन्हें एक विकेट मिला था. इस तरह मैच में कुल मिलाकर उन्हें छह विकेट मिले. इस टेस्ट को ड्रॉ कराने में वेस्टइंडीज के निचले क्रम के बल्लेबाज़ों की जितनी तारीफ की जाए, कम है, खासकर युवा बल्लेबाज रोस्टन चेज की, चेज ने वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में शानदार शतक ठोकते हुए एक लगभग निश्चित हार से बचाया था.

तीसरे टेस्ट में अश्विन ने किया कमाल
वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में अश्विन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया के लिए बाकायदा हीरो का काम किया. सेंट लूसिया के डैरेन सैमी मैदान पर खेले गए इस टेस्ट मैच में जब टीम इंडिया ने अपनी पहली पारी में सिर्फ 126 रन पर पांच विकेट गंवा दिए थे तब अश्विन और ऋद्धिमान साहा ने भारत की पारी को संभाला था और दोनों के बीच 213 रनों की साझेदारी हुई थी. दोनों ने शतक ठोका था, लेकिन भारत की तरफ से अश्विन ने सबसे ज्यादा 118 रन बनाए थे. अगर गेंदबाज़ी की बात की जाए तो इस मैच में अश्विन को वेस्टइंडीज की पहली पारी में दो विकेट मिले थे और दूसरी पारी में एक विकेट मिला था. इस तरह इस मैच में उन्हें कुल मिलाकर तीन विकेट मिले. इस मैच को वेस्टइंडीज 237 रन से हार गया था. शानदार प्रदर्शन के लिए अश्विन को “मैन ऑफ़ द मैच” का भी अवॉर्ड मिला.  

वेस्टइंडीज के खिलाफ ऑल राउंडर के रूप में अश्विन का शानदार प्रदर्शन
इस तरह इस सीरीज की समीक्षा किया जाए तो हर मैच में अश्विन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को जीत दिलाने में या जीत के करीब पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। इस सीरीज में अगर बल्लेबाजी की बात किया जाए तो अश्विन सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में चौथे स्थान पर है। अश्विन तीन मैच में करीब 59 की औसत से 235 रन बना चुका है जिसमें दो शतक शामिल हैं. इस सीरीज में कोई भी दूसरे बल्लेबाज इतना शतक नहीं मार पाया है. इस सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में कप्तान विराट कोहली ज़रूर पहले स्थान पर हैं, लेकिन कोहली और अश्विन के कुल रन में कोई ज्यादा अंतर नहीं है. कप्तान कोहली ने तीन मैचों में 251 रन बनाए हैं यानी अश्विन से सिर्फ 16 रन ज्यादा।

औसत के मामले में अश्विन कई बड़े खिलाड़ियों से आगे निकल गए
अगर बल्लेबाज के रूप में वेस्टइंडीज के खिलाफ पूरी मैच की बात की जाए तो औसत के मामले में अश्विन ने कई बड़े बल्लेबाज़ों को पीछे छोड़ दिया है, जिसमें सचिन तेंदुलकर और कप्तान विराट कोहली जैसे नाम शामिल हैं. 2011 से लेकर 2016 के बीच अश्विन वेस्टइंडीज के खिलाफ आठ मैच खेलते हुए 10 पारियों में करीब 57 की औसत से 510 रन बना पाए हैं. औसत के मामले में कोहली और तेंदुलकर अश्विन से पीछे हैं. वेस्टइंडीज के खिलाफ सचिन तेंदुलकर का औसत 54 से थोड़ा ज्यादा है जबकि विराट कोहली का 39 के करीब. मौजूदा दौर में रविचंद्रन अश्विन ही इकलौते खिलाड़ी हैं जिन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ सबसे ज्यादा रन बनाए हैं.

शतक ठोकने के मामले में कई बड़े खिलाड़ी पीछे रह गए
वेस्टइंडीज के खिलाफ अगर शतक ठोकने की बात की जाए तो अश्विन, सुनील गावस्कर और राहुल द्रविड़ के बाद तीसरे स्थान पर हैं. वेस्टइंडीज के खिलाफ सुनील गावस्कर ने सबसे ज्यादा 13 शतक ठोके हैं, लेकिन इतने शतक ठोकने के लिए गावस्कर ने 48 पारियों का सहारा लिया जबकि दूसरे स्थान पर रहे द्रविड़ ने पांच शतक ठोकने के लिए 38 पारियों का सहारा लिया है, लेकिन तीसरे स्थान पर अश्विन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ चार शतक ठोकने के लिए सिर्फ 10 पारियों का सहारा लिया है. वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक मारने के मामले सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और कप्तान विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों को अश्विन ने पीछे छोड़ दिया है.  

वेस्टइंडीज के खिलाफ गेंदबाज़ी में अश्विन का शानदार प्रदर्शन
अगर गेंदबाज़ी की बात की जाए तो इस टेस्ट सीरीज में अश्विन ने तीन मैचों में 16 विकेट के साथ पहले स्थान पर हैं. अगर वेस्टइंडीज के खिलाफ पूरे टेस्ट मैच की बात किया जाए तो अश्विन सिर्फ आठ मैच खेलते हुए 50 विकेट ले चुके हैं. वेस्टइंडीज के खिलाफ सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में कपिल देव 25 मैचों में 89 विकेट के साथ पहले स्थान पर हैं जबकि अनिल कुंबले 17 मैचों में 74 विकेट के साथ दूसरे स्थान पर हैं. लेकिन अगर वेस्टइंडीज के खिलाफ स्कोरिंग रेट की बात की जाए तो अश्विन ने टीम इंडिया के बड़े-बड़े गेंदबाज़ों को पीछे छोड़ दिया है. वेस्टइंडीज के खिलाफ एक विकेट लेने के लिए अश्विन ने 44 गेंदों का सहारा लिया है जबकि कपिल देव ने 52 गेंदों का और अनिल कुंबले ने 63 गेंदों का सहारा लिया है.


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