यह ख़बर 13 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

कंगारू परेशान, भारत के पास इतिहास रचने का मौका

खास बातें

  • इस बार यदि भारत 3-0 से जीत हासिल कर लेता है तो यह रिकॉर्ड होगा। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी शृंखला में दो से अधिक टेस्ट नहीं जीते हैं।
नई दिल्ली:

लगातार दो टेस्ट जीतकर सीरीज में अपराजेय बढ़त हासिल करने वाली भारतीय टीम के पास गुरुवार से शुरू हो रहे तीसरे टेस्ट के जरिये ऐतिहासिक जीत हासिल करने का सुनहरा मौका है, जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम मैदान के बाहर विवादों से जूझ रही है।

चेन्नई और हैदराबाद में शर्मनाक हार झेलने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को एक और करारा झटका तब लगा जब उप-कप्तान शेन वाटसन समेत चार प्रमुख खिलाड़ी अनुशासनहीनता के कारण तीसरे टेस्ट से पहले टीम से बाहर कर दिए गए।

ऑस्ट्रेलिया ने कई बार शृंखलाओं में भारत का सफाया किया है, लेकिन उसके खिलाफ भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अभी तक 1979-80 में मिली 2-0 से जीत रहा। उस दौरे पर किम ह्यूजेस की अगुवाई वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम ने छह टेस्ट खेले थे। इस बार यदि भारत 3-0 से जीत हासिल कर लेता है तो यह रिकॉर्ड होगा। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी शृंखला में दो से अधिक टेस्ट नहीं जीते हैं। ऑस्ट्रेलिया ने पिछली बार अपनी मेजबानी में हुई शृंखला में भारत का 4-0 से सफाया किया था।

मौजूदा सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने पहला टेस्ट आठ विकेट से गंवाया जबकि हैदराबाद में दूसरे टेस्ट में एक पारी और 135 रन से पराजय झेली। चार खिलाड़ियों वाटसन, तेज गेंदबाज जेम्स पेटिंसन, मिशेल जानसन और बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा को बाहर करके ऑस्ट्रेलिया ने अपनी मुश्किलें और बढ़ा ली है। दूसरी ओर भारत के सामने समस्या स्टार बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को अभ्यास के दौरान लगी चोट है।

हैदराबाद में दूसरे टेस्ट में भारत की जीत के सूत्रधार रहे पुजारा को अभ्यास के दौरान बाएं घुटने में चोट लगी और वह दर्द से कराहते नजर आए। बाद में उनके घुटने पर पट्टी बांधी गई और वह आगे अभ्यास नहीं कर सके। वैसे संकेत मिले हैं कि वह अंतिम एकादश का हिस्सा होंगे। टीम से बाहर सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को छोड़कर भारत पिछले दो मैच जीत चुकी अंतिम एकादश में कोई बदलाव नहीं करना चाहेगा।

हरभजन सिंह की जगह हालांकि बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा को उतारा जा सकता है। सहवाग की गैर-मौजूदगी में शिखर धवन को मुरली विजय के साथ पारी की शुरुआत का मौका मिल सकता है। विजय ने पिछले टेस्ट में शतक जमाकर अपनी जगह सुरक्षित रखी। मध्यक्रम में पुजारा, विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर कमान संभालेंगे।

नेट पर तेंदुलकर ने स्पिनरों के सामने ही अभ्यास किया। हरभजन और ओझा ने उन्हें काफी गेंदबाजी की। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी बल्लेबाजी का अभ्यास किया, जिन्हें ईशांत शर्मा और रविंद्र जडेजा ने गेंदबाजी की।

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पहले टेस्ट में नाबाद दोहरा शतक जमाने वाले धोनी ने पिछले दो साल में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया से मिली हार के बाद एक बार फिर मोर्चे से अगुवाई का बीड़ा बखूबी उठाया है।