विराट की बेचैनी और धोनी के धैर्य के बीच संघर्ष?

महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की फाइल तस्वीर

नई दिल्ली:

मीरपुर में खेले गए पहले वनडे में भारतीय टीम 308 के लक्ष्य का पीछा कर रही थी। 123 रन पर 4 विकेट गिर चुके थे। 25वें ओवर में भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक रन लेने की कोशिश कर रहे थे। पहला वनडे खेल रहे मुस्ताफ़िज़ुर रहमान धोनी के सामने आ गए। धोनी का गुस्सा फ़ूट पड़ा और उन्होंने मुस्ताफ़िज़ुर को ज़बरदस्त धक्का दे दिया। चोटिल मुस्ताफ़िज़ुर को मैदान से बाहर जाना पड़ा। रिप्ले से साफ़ था कि धोनी ने मुस्ताफ़िज़ुर को बचाने के लिए अपना रास्ता नहीं बदला।

हालांकि ये भी सच है कि मुस्ताफ़िज़ुर रहमान बार-बार बल्लेबाज़ों की लाइन में आ रहे थे। अंपायर भी उन्हें कई बार चेतावनी दे चुके थे। लेकिन बावजूद इन सबके 11 साल के करियर में कैप्टन कूल को पहली बार आपा खोते देखकर दुनिया हैरान रह गई। 11 साल तक धोनी ने चेहरे पर कोई भाव नहीं आने दिया।

मैच के बाद धोनी ने कहा, "मुझे लगा कि वो हट जाएगा..उसे लगा होगा कि मैं हट जाऊंगा...आखिर में हम दोनों टकरा गए...मैं क्रीज में पहुंचने की कोशिश कर रहा था...इसे आप क्या कहेंगे, गली में टकराने जैसा मामला...हालांकि ना उन्हें चोट पहुंची और ना ही मैं चोटिल हुआ।"

19 साल के मुस्ताफ़िज़ुर रहमान ने मैच में 5 विकेट लेकर भारत की हार पक्की कर दी। अब तक खेले गए 30 वनडे में बांग्लादेश के हाथों भारत की चौथी हार थी। लेकिन सवाल है कि क्यों आपा खो गए कैप्टन कूल? क्या धोनी पर हताशा और निराशा हावी हो रही है? क्या टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद असहज महसूस कर रहे हैं भारत के सबसे कामयाब कप्तान?

मैच के दौरान टेस्ट कप्तान कोहली बेहद सक्रिय नज़र आए। वे बार-बार गेंदबाज़ों के पास जाकर उनका हौसला बढ़ाते दिखे। यहां तक कि कोहली, धोनी से भी बार-बार बातें कर रहे थे। मानो उन्हें वनडे की कप्तानी लेने की जल्दी हो।

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हालांकि धोनी का पिछले एक साल का प्रदर्शन बुरा नहीं रहा है। उन्होंने 20 मैचों में 38.16 की औसत से 458 रन बनाए हैं। इन 20 मैचों में उनके नेतृत्व में टीम ने 12 मैचों में जीत हासिल की, सात में हार का सामना करना पड़ा और एक मैच रद्द रहा। तो क्या विराट की बेचैनी और धोनी के धैर्य के बीच संघर्ष चल रहा है?