यह ख़बर 14 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

खिलाड़ियों को वयस्क समझें, स्कूली बच्चे नहीं : बॉयकाट

खास बातें

  • इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज ज्योफ्री बॉयकाट ने खिलाड़ियों के साथ ‘स्कूली बच्चों’ की तरह बर्ताव करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई कोच मिकी आर्थर की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि उन्हें क्रिकेटरों को लिखित काम देने का विचार ‘बचकाना’ लगता है।
नई दिल्ली:

इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज ज्योफ्री बॉयकाट ने खिलाड़ियों के साथ ‘स्कूली बच्चों’ की तरह बर्ताव करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई कोच मिकी आर्थर की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि उन्हें क्रिकेटरों को लिखित काम देने का विचार ‘बचकाना’ लगता है।

ऑस्ट्रेलिया ने उपकप्तान शेन वॉटसन समेत चार खिलाड़ियों को भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट से बाहर कर दिया जो टीम का प्रदर्शन सुधारने के लिए प्रेजेंटेशन देने में नाकाम रहे थे।

बॉयकाट ने कहा कि आर्थर शिक्षक की तरह पेश आने की बजाय व्यक्तिगत तौर पर खिलाड़ियों से बात कर सकते थे।

उन्होंने कहा, ‘‘यह बचकाना है कि उन्हें कुछ काम दिया जाए और नहीं करने पर तमाचा रसीद कर दिया जाए। यदि आपको लगता है कि किसी पहलू में सुधार की गुंजाइश है तो कोचिंग स्टाफ और कुछ कोच को उनसे व्यक्तिगत स्तर पर बात करनी चाहिए।’’

बॉयकाट ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से कहा, ‘‘मेरा हमेशा से मानना रहा है कि कोच काम काम यही है। मुझे कोच मैनेजर पसंद नहीं हैं जो शिक्षक की तरह होते हैं।’’ उन्होंने कहा कि एक कोच के तौर पर वह दोस्ताना बातचीत के जरिये खिलाड़ियों की मदद करते।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे बात करता और थोड़ी बहुत सलाह देता। कोच का यही काम होता है। मुझे नहीं लगता कि मैं इम्तिहान के पर्चे तैयार करके उन्हें जवाब लिखने के लिए कहता।’’