यह ख़बर 17 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

दलीप ट्रॉफी : मध्य और पूर्व क्षेत्र में होगा खिताबी मुकाबला

खास बातें

  • दलीप ट्रॉफी अंतर क्षेत्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला पूर्व क्षेत्र और मध्य क्षेत्र की टीमों के बीच खेला जाएगा। पूर्व ने जहां दक्षिण क्षेत्र को पारी के अंतर से हराकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई वहीं मध्य क्षेत्र उत्तर क्षेत्र को हराकर फाइनल में प
हैदराबाद/विशाखापट्टनम:

दलीप ट्रॉफी अंतर क्षेत्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला पूर्व क्षेत्र और मध्य क्षेत्र की टीमों के बीच खेला जाएगा। पूर्व ने जहां दक्षिण क्षेत्र को पारी के अंतर से हराकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई वहीं मध्य क्षेत्र उत्तर क्षेत्र को हराकर फाइनल में पहुंची है। दोनों टीमें पारी के अंतर से जीत हासिल करते हुए फाइनल में पहुंची हैं।

मध्य क्षेत्र को फाइनल में पहुंचाने का पूरा श्रेय भुवनेश्वर कुमार को जाता है, जिन्होंने न केवल 128 रनों की शानदार पारी खेली बल्कि पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ मिलकर अपनी टीम को पहली पारी में बढ़त दिलाई। भुवनेश्वर ने रुद्र प्रताप सिंह (नाबाद 39) के साथ अंतिम विकेट के लिए 127 रन जोड़े, जो निर्णायक साबित हुआ। भुवनेश्वर के इस प्रयास के कारण मध्य क्षेत्र के युवराज सिंह का दोहरा शतक बेकार साबित हुआ।

तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक मध्य क्षेत्र ने नौ विकेट पर 442 रन बनाए थे। वह उत्तर के पहली पारी के स्कोर 451 रनों से नौ रन पीछे थी और इसके बाद अंतिम दिन भुवनेश्वर और रुद्र ने अपनी टीम का स्कोर 469 रनों तक पहुंचा दिया। इस तरह मध्य क्षेत्र को 18 रनों की बढ़त मिली।

घरेलू क्रिकेट में खुद को एक सफल हरफनमौला खिलाड़ी के रूप में साबित कर चुके भुवनेश्वर ने अपनी 253 गेंदों की पारी में 13 चौके और तीन छक्के लगाए। रुद्र ने 65 गेंदों पर सात चौके और एक छक्का जड़ा।

उत्तर ने पहली पारी में पिछड़ने के बाद रणनीति चलते हुए अपनी दूसरी पारी चार विकेट पर 187 रनों पर घोषित कर मध्य क्षेत्र के सामने 170 रनों का लक्ष्य रखा लेकिन दिन की समाप्ति तक उत्तर क्षेत्र के गेंदबाज मध्य का सिर्फ एक विकेट झटक सके जबकि जीत हासिल करने के लिए उन्हें सभी विकेट झटकने थे।

दूसरी पारी में उत्तर के लिए राहुल दीवान ने 80 रन बनाए जबकि कप्तान शिखर धवन ने 37 और नितिन सैनी ने 38 रन जोड़े। पारस डोगरा ने 24 रन बनाए। भुवनेश्वर और मुरली कार्तिक ने एक-एक सफलता हासिल की जबकि जलज सक्सेना को दो विकेट मिले।

जवाब में मध्य क्षेत्र ने दिन की समाप्ति तक एक विकेट पर 39 रन बनाए। विनीत सक्सेना खाता नहीं खोल सके जबकि रोबिन बिष्ट 21 और तन्मय श्रीवास्तव 17 रन पर नाबाद लौटे। अमित मिश्रा को एकमात्र विकेट मिला। इस तरह मिश्रा ने इस मैच में पांच विकेट पूरे किए।

उधर, विशाखापत्तनम में अशोक डिंडा (26/7) ने तो कोशिश की थी कि 239 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही दक्षिण क्षेत्र को सस्ते में समेटकर पूर्व को शानदार तरीके से फाइनल में पहुंचा दे लेकिन समय की कमी के कारण ऐसा हो नहीं सका। बहरहाल, पहली पारी में मिली बढ़त के आधार पर पूर्व क्षेत्र ने राजशेखकर रेड्डी स्टेडियम में खेले गए दक्षिण को दोयम साबित करते हुए फाइनल में जगह बना ली।

पूर्व क्षेत्र द्वारा दिए गए 239 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही दक्षिण क्षेत्र की टीम ने चौथे और अंतिम दिन का खेल खत्म होने तक आठ विकेट पर 85 रन बनाए। डिंडा ने उसकी जबरदस्त हार की जमीन तैयार कर दी थी लेकिन समय की कमी ने ऐसा नहीं होने दिया। डिंडा के अलावा बसंत मोहंती ने एक विकेट लिया।

दक्षिण की ओर से मुरलीधरन गौतम (नाबाद 18) और केपी अप्पना (नाबाद 24) के अलावा कोई और दहाई तक नहीं पहुंच सका। डिंडा ने अपने करियर की श्रेष्ठ गेंदबाजी करते हुए अपनी टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया था। हालांकि सीधे तौर पर पूर्व क्षेत्र को जीत नहीं मिल सकी लेकिन सौरव तिवारी (145) के शानदार शतक की बदौलत पूर्व ने पहली पारी में मिली बढ़त के आधार पर फाइनल में जगह बना ली।

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पूर्व क्षेत्र ने अपनी पहली पारी में 267 रन बनाए थे जबकि दक्षिण क्षेत्र अपनी पहली पारी में 244 रन ही बना सका था। इसके बाद पूर्व क्षेत्र ने अपनी दूसरी पारी में 215 रन बनाए लेकिन दक्षिण क्षेत्र की टीम लय से भटक गई और 239 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 85 रन पर आठ विकेट गंवा दिए।