इंग्लैंड बनाम न्यूजीलैंड : क्यों एतिहासिक रहा लॉर्ड्स टेस्ट मैच?

एलिस्टर कुक

नई दिल्ली:

पिछले 85 सालों में न्यूज़ीलैंड की टीम ने इंग्लैंड को 100 टेस्ट मैचों में सिर्फ़ आठ बार हराया है। लॉर्डस में टीम के पास बेहतरीन मौका था इस रिकॉर्ड को थोड़ा ठीक करने का, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। मैच के आखिरी दिन कप्तान एलिस्टर कुक 162 रन पर आउट हुए और जल्द ही इंग्लैंड की पूरी टीम 478 रन पर आउट हो गई और न्यूज़ीलैंड के सामने जीत के लिए 345 रनों का स्कोर था। न्यूज़ीलैंड की शुरुआत बेहद खराब रही, मार्टिन गप्तिल बिना खाता खोले आउट हुए।

जल्द ही लेथम का भी यही हाल हुआ और न्यूज़ीलैंड के दो विकेट पर 0 थे। विलियम्सन से सबकी उम्मीदें थीं, लेकिन एक बार वह आउट हुए तो नतीजा साफ दिखने लगा। पहली ही गेंद पर कप्तान मैक्कलम भी आउट हो गए और इंग्लैंड की पकड़ और मज़बूत हो गई। वैटलिंग और एंडरन ने एक साझेदारी बनाने की कोशिश जरूर की, लेकिन विकेट का गिरना लगातार बरकरार रहा और जल्द ही इंग्लैंड ने शानदार जीत हासिल कर ली।

यह मैच इंग्लैंड के इतिहास के सबसे रोमांचक टेस्ट मैचों में से गिना जाने लगा है। पहले दिन से ही इंग्लैंड की टीम बैकफुट पर थी और पहली पारी में बड़े अंतर से पिछड़ने के बाद भी इंग्लैंड ने मैच में शानदार वापसी की।

एक नज़र इस मैच से जुड़े कुछ खास आंकड़ों पर

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-पहली पारी में न्यूज़ीलैंड की टीम ने 500 से ज़्यादा रन बनाए और फ़िर भी हार गई। ऐसा पहली बार हुआ है कि पहली पारी में 500+ का स्कोर बनाने के बाद भी किवी टीम हारी। टेस्ट इतिहास में ऐसा सिर्फ़ 14 बार हुआ है।
-पूरे मैच में 1610 रन बने जो कि लॉर्डस् मैदान के इतिहास में सबसे ज़्यादा हैं। 1930 के बाद, यानी 85 सालों के बाद, यहां 40 विकेट गिरने पर इतने ज़्यादा रन बने हैं।