पूर्व क्रिकेटर इरापल्ली प्रसन्ना के साथ दिलीप वेंगसरकर (दाएं)- फोटो सौजन्य : PTI
बीसीसीआई ने दिलीप वेंगसरकर को नेशनल क्रिकेट एकेडमी का अवैतनिक डायरेक्टर बनाया है, यानी पूर्व कप्तान को इस पद पर काम करने के पैसे नहीं मिलेंगे। मुंबई क्रिकेट अकादमी के उपाध्यक्ष वेंगसरकर के लिए एनसीए की जिम्मेदारी को बड़ी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है। भारत के पूर्व कप्तान वेंगसरकर को ये बखूबी पता है कि एनसीए को दोबारा पटरी पर लाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।
वेंगसरकर ने कहा कि एनसीए पूरी तरीके से खत्म हो चुकी है और उसे दोबारा शुरू करना उनके लिए चुनौती है। टीम इंडिया के लिए 129 वनडे खेल चुके पूर्व कप्तान ने यह भी कहा कि सालों से एनसीए में ट्रेनिंग लेकर खिलाड़ी भारतीय टीम के लिए खेलते रहे हैं।
भारत के लिए 116 टेस्ट खेल चुके वेंगसरकर ने कहा, ''नए चेहरों को तलाशना और फिर उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए तैयार करना एक चुनौतीपूर्ण काम है। भारत में काफी प्रतिभाएं हैं, जिन्हें तैयार करने में एनसीए महत्वपूर्ण रोल निभा सकती है। पिछले चार-पांच साल से एनसीए में कोई काम नहीं हुआ है और मुझे नए सिरे से इसी तैयार करना होगा।''
वेंगसरकर, टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता रह चुके हैं और मुंबई में उनकी खुद की क्रिकेट अकादमी भी है। ऐसे में बीसीसीआई ने एक अनुभवी पूर्व खिलाड़ी को एनसीए की जिम्मेदारी देकर एक बार फिर इसे जिंदा करने की कोशिश की है।