फतुल्लाह टेस्ट : मैच और मॉनसून की जंग के बीच जीत का रास्ता ढूंढ पाएंगे भारतीय स्पिनर्स?

फतुल्लाह टेस्ट : मैच और मॉनसून की जंग के बीच जीत का रास्ता ढूंढ पाएंगे भारतीय स्पिनर्स?

फतुल्लाह टेस्ट के चौथे दिन भारतीय गेंदबाज़ों को सिर्फ़ 30.1 ओवर गेंदबाज़ी का मौक़ा मिल पाया। इसमें से आर अश्विन और हरभजन सिंह की जोड़ी को 18.1 ओवर गेंद डालने का मौक़ा मिला। इन अठारह ओवरों में भज्जी और अश्विन की जोड़ी ने 53 रन खर्च कर 3 विकेट झटके।

हालांकि मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक पांचवें दिन भी 85 फ़ीसदी बारिश की आशांका जताई जा रही है, लेकिन अगर इंद्र देव ने कृपा की और मौसम विभग का अनुमान ग़लत निकला तो क्या टीम इंडिया के ऑफ़ स्पिनर्स की जोड़ी से रन रोकते हुए 17 विकेट निकालने की उम्मीद की जा सकती है?

टेस्ट क्रिकेट में एक ही दिन 20 विकेट गिरने का कारनामा ढाई-दर्जन बार हो चुका है। फ़तुल्लाह टेस्ट के आख़िरी दिन अश्विन और भज्जी की नज़र भी बांग्लादेश को दो बार आउट करने पर होगी। भारतीय गेंदबाज़ों को ये मौक़ा मिल पाएगा या नहीं, ये सवाल ज़ाहिर तौर पर बना हुआ है।

बारिश की वजह से तीसरे दिन 462 के स्कोर पर पारी घोषित कर कप्तान विराट कोहली ने बांग्लादेश को बल्लेबाज़ी के लिए उतारा, तो एक ही उम्मीद थी कि अश्विन और भज्जी की जोड़ी नैया पार लगा सकती है। अश्विन ने छठे ही ओवर में फ़ॉर्म में चल रहे तमीम इक़बाल को चलता किया, तो हरभजन ने शायद टीम के सबसे ख़तरनाक मोमिनुल हक़ को अपना शिकार बनाया। लेकिन इसके बाद बारिश ने टीम इंडिया को बेबस कर दिया।

बांये हाथ के छह बांग्लादेशी बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ दो ऑफ़ स्पिनर्स की रणनीति काम करती तो दिखी, लेकिन इन गेंदबाज़ों के लिए भी लगातार बारिश के बीच रन रोकते हुए 17 विकेट निकाल पाना बहुत आसान नहीं। टीम इंडिया के पक्ष में ये बात ज़रूर कही जा सकती है कि फतुल्लाह की पिच स्पिनर्स को मदद करती है। यहां  2005 में हुए इकलौते टेस्ट में 37 में से 24 विकेट स्पिनर्स ने ही निकाले थे।

यही वजह है कि दांये हाथ के दो फ़िरकी गेंदबाज़ों की इस जोड़ी से मौसम के ख़िलाफ़ भी उम्मीद की जा रही है।
अश्विन और भज्जी को क़रीब दो साल बाद एक साथ विपक्षी टीम को बस में करने की ज़िम्मेदारी मिली है।

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भज्जी और अश्विन की जोड़ी को एक साथ सिर्फ़ तीन टेस्ट मैच खेलने का मौक़ा मिला है, जिसमें इस जोड़ी ने दो बार टीम इंडिया को जीत का सेहरा पहनाया है। अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि मैच के आख़िरी एक दिन अगर मौसम ने साथ दिया तो क्या ये गेंदबाज़ इतिहास से आगे बढ़ने का करिश्मा कर सकेंगे?