यह ख़बर 10 जनवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

राजकोट वन-डे : इंग्लैंड से टेस्ट की हार का बदला लेने के लिए उतरेगा भारत

खास बातें

  • भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि टेस्ट शृंखला जीतने के बाद इंग्लिश टीम क्रिसमस की छुट्टियों के बाद जब तरोताजा होकर भारत लौटी तो उसे दो लगातार अभ्यास मैचों में हार का सामना करना पड़ा।
राजकोट:

पाकिस्तान के साथ हुई पांच मैचों (दो ट्वेंटी-20, तीन एकदिवसीय) की शृंखला अनुभव के लिहाज से भारत के लिए ठीक नहीं रही। कोलकाता और चेन्नई में दो एकदिवसीय मैच गंवाने के बाद भारत ने दिल्ली में आखिरकार जीत हासिल की। अब जबकि पांच मैचों की एकदिवसीय शृंखला में उसका सामना इंग्लैंड के साथ होना है, वह जाहिरतौर पर दिल्ली में जीत से हासिल लय और मनोबल को बरकरार रखना चाहेगी। आज राजकोट के स्टेडियम पर दोनों टीमें आमने-सामने होंगी।

भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि टेस्ट शृंखला जीतने के बाद इंग्लिश टीम क्रिसमस की छुट्टियों के बाद जब तरोताजा होकर भारत लौटी तो उसे दो लगातार अभ्यास मैचों में हार का सामना करना पड़ा। भारत-ए ने उसे रविवार को पटखनी दी थी और फिर मंगलवार को कोटला में दिल्ली ने उसे हराया। दोयम श्रेणी की टीमों के खिलाफ मिली पराजयों से नए कोच एश्ले जाइल्स की टीम का मनोबल निश्चिततौर पर नीचे गिरा होगा।

दूसरी ओर, भारतीय टीम ने कोलकाता और चेन्नई में पाकिस्तान से मिली पराजयों से निकलते हुए फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में रविवार को एक चौंकाने वाली जीत हासिल की। इस मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने निराश किया, लेकिन गेंदबाजों और क्षेत्ररक्षकों ने जिस तरह की संघर्षशक्ति का परिचय दिया, उससे पूरी टीम का मनोबल ऊंचा हुआ है।

टेस्ट शृंखला में इंग्लैंड से मिली 1-2 से हार के बाद भारत को पाकिस्तान की मेजबानी करनी पड़ी। कूटनीतिक रिश्ते सुधारने के लिए हुई इस शृंखला ने भारत की टीस कुछ कम कर दी, लेकिन अब जबकि इंग्लिश खिलाड़ी भारत पहुंच चुके हैं, भारतीय खिलाड़ियों के मन में उस हार की टीस एक बार फिर गहरी हो गई है। ऐसे में महेंद्र सिंह धोनी की टीम अपनी युवा शक्ति के दम पर उस हार का हिसाब बराबर करना चाहेगी।

वीरेंद्र सहवाग टेस्ट टीम में थे, लेकिन एकदिवसीय टीम से बाहर हो चुके हैं। उनकी कमी खल सकती है, लेकिन उनके स्थान पर टीम में शामिल किए गए चेतेश्वर पुजारा शानदार फॉर्म में चल रहे हैं। यह अच्छा संयोग है। अच्छी बात यह है कि पाकिस्तान के साथ हुए अंतिम मुकाबले के साथ भारतीय गेंदबाज भी लय में लौट चुके हैं और फिर भारत को शमी अहमद के रूप में एक स्तरीय गेंदबाज भी मिल गया है, जो राजकोट में अपनी चमक दिखाने के लिए आतुर होंगे।

इंग्लिश एकदिवसीय टीम औसत फॉर्म में दिखाई दे रही है। दिल्ली के खिलाफ इयोन मोर्गन, क्रेस कीसवेटर और इयान बेल ने अपने बल्ले की चमक दिखाई थी। बेल ने दोनों अभ्यास मैचों में शानदार बल्लेबाजी की, लेकिन कुल मिलाकर अभ्यास मैचों में इंग्लिश टीम अपनी प्रतिष्ठा के साथ न्याय नहीं कर सकी। इसका मनोवैज्ञानिक फायदा भारत को मिल सकता है।

इंग्लिश टीम ने 2011-12 सत्र में भारत का दौरा किया था और उसे पांच मैचों की शृंखला में 5-0 से हार मिली थी। वह हार झकझोरने वाली थी। यह पहला मौका नहीं है, जब भारत ने इंग्लिश टीम का अपने घर में सूपड़ा साफ किया है। इससे पहले 2008-09 सत्र में भी उसने पांच मैचों की शृंखला में 5-0 से जीत हासिल की थी। 2005-06 सत्र में भारत ने सात मैचों की शृंखला में इंग्लैंड को 5-1 से हराया था।

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इन आंकड़ों से साफ है कि इंग्लिश टीम के लिए भारत में एकदिवसीय शृंखला जीतना कभी भी आसान नहीं रहा है। अब जबकि उसके साथ कई नए खिलाड़ी हैं और वे पहली बार भारत में खेल रहे हैं, कप्तान एलिस्टर कुक के सामने हालात के साथ तालमेल बनाने में सबसे अधिक दिक्कत आ सकती है, क्योंकि अपनी पिचों पर भारतीय बल्लेबाज और स्पिन गेंदबाज हमेशा अच्छा प्रदर्शन करते हैं और ग्राहम गूच और माइक गैटिंग के बाद इंग्लिश बल्लेबाज हमेशा से स्पिन कला के खिलाफ कमजोर माने जाते रहे हैं।