सौरभ गांगुली vs रवि शास्त्री : अब इस मामले को विराम दे देना चाहिए

सौरभ गांगुली vs रवि शास्त्री : अब इस मामले को विराम दे देना चाहिए

रवि शास्त्री और सौरभ गांगुली (फाइल फोटो)

खास बातें

  • रवि शास्त्री और सौरभ गांगुली के बीच झगड़े को तूल
  • विवाद की खबरें मीडिया में छाईं
  • रवि शास्त्री के नाम की बैटिंग कोच के रूप में पेशकश की गई थी
नई दिल्ली:

पिछले कुछ दिनों से रवि शास्त्री और सौरभ गांगुली के बीच चल रहा झगड़ा कई सवाल खड़े कर रहा है। ऐसा पहली बार हुआ जब कोच के चयन को लेकर कोई दो बड़े खिलाड़ी आमने-सामने हुए। इस झगड़े ने बीसीसीआई के लिए झंझट जरूर खड़ा किया है, लेकिन मीडिया ने झगड़े का फायदा उठाते हुए टीआरपी बटोरने में लगा हुआ है।

अनिल कुंबले का कोच के रूप में चयन होने के बाद उनको लेकर जितनी चर्चा नहीं हुई उससे ज्यादा चर्चा रवि शास्त्री और सौरभ गांगुली के बीच हुए मनमुटाव को लेकर हुई। मीडिया ने इस झगड़े को ऐसे पेश किया जैसे इस खबर के अलावा और कोई खबर नहीं है।

कोच न बनने पर रवि शास्त्री ने मीडिया से बात करते हुए कई प्रश्नों के जवाब दिए लेकिन मीडिया ने सिर्फ रवि शास्त्री के द्वारा सौरभ गांगुली के ऊपर उठाए गए सवालों को ही ज्यादा गहराई से लिया। सिर्फ मीडिया नहीं कई पूर्व क्रिकेटर भी इस झगड़े में शामिल होते नज़र आए। कुछ खिलाड़ी सौरभ गांगुली के साथ खड़े हुए नज़र आए तो कुछ रवि शास्त्री के साथ। ऐसा लगा कि दो टीम बन गई हैं। एक टीम के कप्तान सौरभ गांगुली हैं और दूसरी टीम के कप्तान रवि शास्त्री।  

फिर मीडिया में यह खबर आई कि टीम इंडिया के बैटिंग कोच के रूप में रवि शास्त्री के नाम की पेशकश की गई थी। एक बड़े अखबार ने पहले इस खबर को अपने पन्ने पर जगह दी। लेकिन इसके बारे में कोई आधिकारिक वक्तव्य नहीं आया था। इस बारे में न रवि शास्त्री कुछ बोल रहे थे, न सलाहकार समिति का कोई सदस्य, न बीसीसीआई। लेकिन फिर भी यह खबर मीडिया में छाई हुई थी। कुछ दिन पहले एनडीटीवी ने जब बीसीसीआई के सचिव अजय शिर्के से इस खबर की पुष्टि करने की कोशिश की तो शिर्के ने एक एसएमएस के जरिए यह पुष्टि की थी कि सलाहकार समिति का काम सिर्फ हेड कोच चुनना है, बैटिंग कोच नहीं। शिर्के ने यह पुष्टि नहीं की थी कि सलाहकार समिति  ने बैटिंग कोच के रूप में रवि शास्त्री के नाम की पेशकश की गई थाी या नहीं?

फिर मीडिया द्वारा यह सवाल उठाया गया कि अगर शास्त्री के नाम की बैटिंग कोच के रूप में पेशकश की गई थी तो फिर वह बैटिंग कोच क्यों नहीं बने। मीडिया ने शास्त्री पर भी सवाल उठाया। यह भी बताया गया कि शास्त्री अंहकारी हैं और अपने घमंड की वजह से बैटिंग कोच नहीं बन रहे हैं। लेकिन सच यह है कि सलाहकार समिति के सदस्य का जो मुख्य कार्य था वह था हेड कोच चुनना न कि बैटिंग कोच। यह हेड कोच का काम होता है कि वह अपने सहायक स्टाफ चुने, पहले भी ऐसा हो चुका है।  

आज फिर यह खबर मीडिया में छाई हुई है। कई अखबारों में यह खबर छपी है कि सौरभ गांगुली ने यह कहा है कि बैटिंग कोच के रूप में सलाहकार समिति ने रवि शास्त्री के नाम की पेशकश की थी। कई अखबारों ने इस खबर को अलग रूप में प्रस्तुत किया है। फिर इस मामले पर घी डालने की कोशिश की जा रही है। गांगुली ने कई मुद्दों पर बात की है जिसमें कई अहम मुद्दे भी शामिल हैं, लेकिन हैडलाइन सिर्फ बैटिंग कोच को लेकर है।

गांगुली का बयान आने के बाद अब इस मामले को यहीं खत्म कर देना चाहिए। कम से कम यह साफ हो गया कि सलाहकार समिति ने रवि शास्त्री के नाम की बैटिंग कोच के रूप में पेशकश की थी। अब यह भी साफ हो गया है कि सौरभ गांगुली का रवि शास्त्री के साथ कोई मनमुटाव नहीं है। अगर ऐसा होता तो रवि शास्त्री के नाम की पेशकश नहीं की जाती।  

इस पूरे मामले पर नज़र डालें तो 1 जून 2016 को बीसीसीआई की तरफ से टीम इंडिया के हेड कोच के लिए विज्ञापन निकाला गया था। कई बड़े-बड़े खिलाड़ियों ने आवेदन किए थे जिसमें रवि शास्त्री,अनिल कुंबले, प्रवीण आमरे,संदीप पटेल, क्रिकेटर टॉम मूडी, स्टुअर्ट लॉ जैसे शानदार खिलाड़ी शामिल थे। 21 जून को बीसीसीआई की तरफ से कोच चुनने के लिए बनाई गई सलाहकार समिति के सदस्य सौरभ गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण ने  खिलाड़ियों का इंटरव्यू लिया था और अनिल कुंबले के नाम पर मोहर लगाई थी। टीम इंडिया के डायरेक्टर के रूप में सफल रहे रवि शास्त्री इस निर्णय से नाराज़ थे। उन्होंने मीडिया के सामने आकर अपना नाराज़गी जताई थी।

इसके बाद रवि शास्त्री ने सौरभ गांगुली पर आरोप लगाया कि उनके इंटरव्यू के दौरान गांगुली मौजूद नहीं थे और ऐसा करके उन्होंने रवि शास्त्री का अपमान किया है। पहले तो गांगुली इस मामले पर चुप रहे लेकिन 29 जून को गांगुली ने रवि शास्त्री पर हमला बोल दिया। गांगुली का कहना था कि अगर शास्त्री यह सोचते हैं कि गांगुली की वजह से वह कोच नहीं बन पाए तो वह मूर्खों की दुनिया में जी रहे हैं। गांगुली ने यह भी कहा था कि अगर गांगुली खुद इंटरव्यू के दौरान मौजूद नहीं थे तो रवि शास्त्री भी नहीं थे। यह बता दें कि रवि शास्त्री ने स्काइप के जरिए  इंटरव्यू दिया था। जब इंटरव्यू चल रहा था तब शास्त्री बैंकॉक में छुट्टियां मना रहे थे। शास्त्री के इंटरव्यू के दौरान गांगुली भी मौजूद नहीं थे क्योंकि वह बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन की किसी मीटिंग में वह व्यस्त थे।


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