क्या कोहली आर्मी के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ शुरू होने से पहले ही हार मान चुका है वेस्टइंडीज़?

क्या कोहली आर्मी के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ शुरू होने से पहले ही हार मान चुका है वेस्टइंडीज़?

विराट कोहली (फाइल फोटो)

खास बातें

  • ऐन मौके पर तेज गेंदबाज़ जेरोम टेलर के संन्यास लेने से टीम और कमज़ोर हो गई
  • वेस्टइंडीज के खिलाड़ी टी-20 खेलना ज्यादा पसंद करते हैं
  • बिशू इकलौते ऐसे गेंदबाज़ हैं, जिनकी जगह पक्की है। वह भी चोट से परेशान
नई दिल्ली:

फिल सिमंस वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के कोच हैं और भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले जब उनसे मीडिया ने कुछ सवाल किए तो सब उनका जवाब सुनकर हैरान रह गए। उन्होंने कई मामलों में अभी से मान लिया है कि भारत की टीम को टक्कर देना उनकी बस की बात नहीं। उस पर से ऐन मौके पर टीम के सबसे सीनियर तेज गेंदबाज़ जेरोम टेलर के संन्यास लेने से टीम और कमज़ोर हो गई है।

अनुभव की कमी
फिल सिमंस मानते हैं कि वेस्टइंडीज के पास उतनी संतुलित टीम नहीं जितना वह चाहते थे। उस पर से हर सीरीज में उनके खिलाड़ी बदलते रहते हैं इसलिए उनके पास मौका नहीं होता खिलाड़ियों के साथ लंबी प्लानिंग करने का। भारत के खिलाफ़ भी कई युवा खिलाड़ी हैं, जिन्हें अपने आपको इस स्तर पर साबित करना है।


संयम बरतने में नाकाम
वेस्टइंडीज के ज्यादातर खिलाड़ी टी-20 क्रिकेट खेलना पसंद करते हैं इसलिए उनमें अक्सर संयम की कमी देखी जा सकती है। टेस्ट क्रिकेट में आपको लंबे समय तक एक ही जगह गेंदबाजी करनी पड़ती है। फिर चाहे आपको विकेट मिले या न मिले, लेकिन कैरेबियाई खिलाड़ियों में यह कमी है कि जैसे ही कुछ ओवर उन्हें विकेट नहीं मिलता, वो कुछ और करने लगते हैं। ऐसा ही कुछ बल्लेबाज़ी में भी है। खिलाड़ी अकसर रन बनाने की ही सोचते रहते हैं और अगर 3-4 ओवर रन नहीं बनते तो बल्लेबाज़ बेचैन होने लगते हैं।

स्पिनर की कमी
टीम में देवन्द्र बिशू इकलौते ऐसे गेंदबाज़ हैं, जिनकी जगह पक्की है। वह भी चोट से काफी परेशान रहते हैं। वेस्टइंडीज़ ने भारत के खिलाफ़ तो बिशू को टीम में शामिल किया है, लेकिन वह कितने मैच-फ़िट हैं यह कहना मुश्किल है। उनके अलावा वेस्ट इंडीज के पास अभी भी कोई असरदार स्पिन गेंदबाज़ नहीं है और भारत की बल्लेबाज़ी के खिलाफ़ इन बेजान पिचों पर उनके तेज गेंदबाज़ कितने असरदार होंगे यह कहना मुश्किल है।


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