ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया का कौन सा खिलाड़ी रहा हिट, कौन रहा फ्लॉप?

ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया का कौन सा खिलाड़ी रहा हिट, कौन रहा फ्लॉप?

नई दिल्ली:

सिडनी वनडे में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 6 विकेट से हरा दिया, लेकिन सीरीज़ 4-1 से हार गई। इस जीत के साथ ही वनडे में टीम इंडिया की नंबर 2 की रैंकिंग बरकरार रह गई। भारत के जीत की सबसे खास बात रही मनीष पांडे का पहला अंतर्राष्ट्रीय शतक और रोहित शर्मा की 99 रनों की पारी। मैच आखिरी पलों में काफी रोमांचक हो गया। आख़िरी ओवर में 13 रन की जरूरत थी तब कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक शानदार छक्का लगाकर टीम को जीत के क़रीब ला दिया।

मनीष पांडे ने विजयी शॉट लगाया और भारत ने 6 विकेट से जीत दर्ज की। पांडे को नाबाद 104 रन बनाने के लिए मैन ऑफ़ द मैच का ख़िताब मिला। रोहित शर्मा ने सीरीज़ में दो शतक बनाए और सिडनी में 99 रन की पारी खेली। रोहित को मैन ऑफ़ द सीरीज़ का ख़िताब मिला।

रोहित शर्मा (441 रन)
रोहित शर्मा रंगीन कपड़ों में हमेशा टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज़ रहे हैं। ब्लू जर्सी मुंबई के इस धमाकेदार बल्लेबाज़ को हमेशा से ख़तरनाक बनाती रही है। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी रोहित ख़तरनाक नज़र आए। पर्थ में खेले गए सीरीज़ के पहले वनडे में रोहित ने नाबाद 171 रन बनाए। इसके बाद उनका बल्ला रुका नहीं। उन्होंने ब्रिसबेन में 124, कैनबरा में 41 और सिडनी में 99 रन की पारी खेली। सीरीज के पांच मैच में रोहित ने 2 शतक और एक अर्द्धशतक की बदौलत 110.25 की औसत से 441 रन अपने खाते में जमा किए और सीरीज में सबसे ज़्यादा रन बटोरे। इस शानदार प्रदर्शन की वजह से रोहित को मैन ऑफ़ द सीरीज का ख़िताब मिला।
 


विराट कोहली (381 रन)
भारत के टेस्ट कप्तान पिछले साल वनडे में कुछ ख़ास नहीं कर सके थे, लेकिन इस साल की शुरुआत से ही उन्होंने अपने बल्ले से जवाब देना शुरू कर दिया है। कोहली ने सीरीज़ के पांच मैच में 76.20 की औसत से 381 रन बटोरे। इस दौरान उनके बल्ले से 2 शतक (मेलबर्न-117 रनऔर कैनबरा-106 रन) और 2 अर्द्धशतक (पर्थ -91 और ब्रिसबेन-59 रन) निकले। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कोहली ने वनडे में सबसे तेज़ 7 हज़ार रन और सबसे तेज़ 25 शतक बनाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया।
 

शिखर धवन (287 रन)
लंबे समय से ख़राब फ़ॉर्म से जूझ रहे शिखर धवन ने सीरीज़ के आख़िरी तीन मैचों में अर्द्धशतकीय पारी खेलकर रनों का अकाल ख़त्म किया। शिखर ने मेलबर्न वनडे में 68 रन बनाने के लिए 91 गेंद लिए, जिसके बाद उन्हें खूब आलोचना झेलनी पड़ी। मेलबर्न के बाद शिखर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। कैनबरा वनडे में 113 गेंद पर 126 रन की पारी खेली तो सिडनी में आख़िरी वनडे में 56 गेंद पर 78 रन बनाए। पांच मैच की सीरीज़ में शिखर ने 57.40 की औसत से 287 रन बटोरे।
 

ईशांत शर्मा (9 विकेट)
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई टीम इंडिया में ईशांत शर्मा सबसे ज़्यादा अनुभवी गेंदबाज़ी हैं। ईशांत ने चार मैच में 9 विकेट ज़रूर लिए लेकिन इस दौरान उनका इकॉनोमी 6.25 का रहा। ईशांत के 80 वनडे के अनुभव की तुलना में ऑस्ट्रेलिया के जॉन हेस्टिंग्स के पास 17 वनडे का अनुभव है। हेस्टिंग्स ने 5.65 की इकॉनोमी से गेंदबाज़ी करते हुए इतने ही मैचों में 10 विकेट लिए।


उमेश यादव (7 विकेट)
अपनी तेज़ गेंदों के लिए सुर्ख़ियां बटोर रहे उमेश यादव को सही लाइन-लेंग्थ में गेंदबाज़ी करने की कला सीखने की ज़रूरत है। उमेश सीरीज़ के पाचों मैच में टीम का हिस्सा रहे और 7.21 की इकॉनोमी से रन लुटाते हुए 7 विकेट लिए। अगर 57 वनडे खेल चुके उमेश की तुलना 11 वनडे का अनुभव लिए ऑस्ट्रेलिया के केन रिचर्ड्सन से की जाए तो उमेश कहीं पीछे छूट जाते हैं। रिचर्ड्सन ने तीन मैचों में 6.32 की इकॉनोमी से गेंदबाज़ी करते हुए 6 विकेट लिए।

एक मौक़ा और बने हीरो (जसप्रीत बूमरा, बरिंदर सरां और मनीष पांडे)
हर खिलाड़ी को एक मौक़े की तलाश होती है जब वो अपना बेहतरीन प्रदर्शन देना चाहता है। ऐसा ही एक मौक़ा जसप्रीत बूमरा और मनीष पांडे को मिला। बूमरा को चोटिल मोहम्मद शमी की जगह टीम इंडिया में शामिल किया गया। गुजरात के 24 साल के तेज़ गेंदबाज़ ने सपने में भी नहीं सोचा की उन्हें सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में वनडे में डेब्यू करने का मौक़ा मिलेगा। बूमरा को मौक़ा मिला तो उन्होंने इसे दौनों हाथों से लपका। अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेल रहे बूमरा ने 4.00 की इकॉनोमी से गेंदबाज़ी करते हुए 44 रन खर्चे और 2 अहम विकेट (स्टीवन स्मिथ और दजेम्स फ़ॉकनर) लिए।

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वहीं ऑस्ट्रेलियाई ज़मीन पर भारत के एक और तेज़ गेंदबाज़ ने अपना पहला वनडे मैच खेला। बरिंदर सरां ने अपनी तेज़ी से सबको प्रभावित किया। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ ब्रेट ली ने भी उनकी जमकर तारीफ़ की। सरां ने पर्थ वनडे में 56 रन देकर 3 विकेट लिए लेकिन उसके बाद उन्हें दो मैचों में विकेट नहीं मिला। जानकारों का मानना है कि सरां की गेंदों में तेज़ी है और वह अनुभव के बाद एक अच्छे गेंदबाज़ बनकर उभरेंगे।
 


सिडनी में टीम इंडिया के जीत के हीरो रहे मनीष पांडे लंबे वक्त से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने की तलाश करते रहे हैं। पांडे को पर्थ में बल्लेबाज़ी करने का मौक़ा नहीं मिला, ब्रिसबेन में वो 6 रन पर आउट हुए। ज़ाहिर है दो मौक़ों पर फ़ेल हुए पांडे के जेहन में एक बड़ी पारी खेलने की तमन्ना रही होगी। आईपीएल में शतक बनाने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर, पांडे ने सिडनी में 81 गेंदों पर नाबाद 104 रन बनाकर टीम इंडिया की जीत में अहम रोल निभाया और मैन ऑफ़ द मैच बने।