कमज़ोर कड़ी कैसे बनी टीम इंडिया की ताकत?

नई दिल्‍ली : वर्ल्ड कप 2015 में टीम इंडिया जीत की हैट्रिक लगा चुकी है और इन जीत के नायक बने हैं वो गेंदबाज़, जिन्हें टूर्नामेंट के शुरू होने में इस टीम की सबसे कमज़ोर कड़ी माना जा रहा था।

अपने तीनों ही मुकाबलों में टीम इंडिया ने तीनों ही बार विरोधी टीम को ऑल आउट करके अपनी सधी हुई गेंदबाज़ी का नमूना पेश किया। ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर गेंदबाज़ों ने अपनी ताकत के साथ साथ लगता है अपनी कमज़ोरियों को भी भांप लिया है। टीम यहां नवंबर के महीने से है और हालात के साथ पूरा तालमेल हमारे गेंदबाज़ बिठा चुके हैं। यही वजह है कि अपने तीनों ही मुक़ाबले में भारत ने अपने विरोधियों को 40 ओवरों के भीतर ऑल आउट कर दिया।

अब तक के तीनों मैचों में भारतीय गेंदबाजी कुछ ऐसी रही...
- पाकिस्तान को 224 रन पर 47 ओवर में
- द. अफ़्रीका को 177 रन 40.2 ओवर में
- और UAE को सिर्फ़ 102 रन पर 31.3 ओवर में

टीम इंडिया की गेंदबाज़ी का नायक कोई एक नहीं, बल्कि इस वक्त टीम के सभी खिलाड़ी मिल जुल कर इस कमज़ोर कड़ी को मज़बूत किए हुए हैं।

खिलाड़ियों का प्रदर्शन पर एक नजर...
- अश्विन ने 28 ओवर फेंक कर 8 विकेट चटकाए, प्रति ओवर 3.82 रन खर्चे।
- शमी ने 17 ओवर गेंदबाज़ी की 6 विकेट लिए, 3.82 की इकॉनमी से।
- मोहित शर्मा ने 21 ओवर गेंदबाज़ी करते हुए 5 विकेट लिए, 3.9 की एकॉनमी से।
- वहीं उमेश यादव ने 22.3 ओवर में 4 विकेट लिए हैं, प्रति ओवर 4.4 रन देकर।

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पाकिस्तान के सरफराज़ नवाज़ ने आयोजकों पर आरोप लगाया है कि पिचों को भारत के रूप से तैयार किया जा रहा है। आरोप बेबुनियाद ज़रूर नज़र आ रहा है लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की ऑस्ट्रेलियाई पिचों से भारत के गेंदबाज़ों को पूरी मदद मिल रही है। जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ेगा, उम्मीद यही है कि भारत की गेंदबाज़ी की धार और तेज होगी।