यह ख़बर 02 नवंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

मैं बड़ी पारी खेलना चाहता था : रोहित

बेंगलुरू:

एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दोहरा शतक जड़कर सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग के क्लब में शामिल होने वाले रोहित शर्मा ने कहा कि वह यहां के छोटे मैदान पर बड़ी पारी खेलने के इरादे से उतरे थे और अपनी रणनीति को अच्छी तरह से लागू करने में सफल रहे।

तेंदुलकर और सहवाग के बाद रोहित तीसरे बल्लेबाज हैं जिन्होंने वनडे में दोहरा शतक जमाया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सातवें और आखिरी एकदिवसीय मैच में 158 गेंदों पर 209 रन की धमाकेदार पारी खेली। अपनी पारी में रिकार्ड 16 छक्के और 12 चौके लगाने वाले रोहित ने कहा, ‘दोहरा शतक जड़ना अद्भुत अनुभव है। मेरी रणनीति क्रीज पर टिके रहना और बाद में इसका फायदा उठाना था। यह छोटा मैदान है और इसमें बड़े शॉट खेलना आसान है। मैंने केवल मौकों का फायदा उठाया।’

इस 26 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि जयपुर में दूसरे वनडे में शतक जड़ने के बाद वह आक्रामक बल्लेबाजी करने पर ध्यान दे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी अच्छी फार्म को जारी रखना चाहता था। मैं बड़ी पारी खेलना चाहता था। मैं केवल अपनी लय बरकरार रखना चाहता था।’

रोहित ने अपनी तूफानी पारी के दौरान एक मैच में सर्वाधिक छक्के लगाने का रिकॉर्ड बनाया। वह इस साल 1000 रन पूरे करने वाले बल्लेबाज बने और यही नहीं उन्होंने अपने वनडे करियर में 3000 रन का आंकड़ा पार भी किया। मुंबई के इस बल्लेबाज से जब विराट कोहली को गफलत में रन आउट करवाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मुस्कराते हुए कहा, ‘कभी कभी ऐसा हो जाता है। यह खेल का हिस्सा है।’


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