पढ़ें, किसने कहा कि भारतीय टीम में चयन के लिए 'गॉडफादर' होना जरूरी है

पढ़ें, किसने कहा कि भारतीय टीम में चयन के लिए  'गॉडफादर' होना जरूरी है

प्रतीकात्मक चित्र

सीहोर:

भारत में चयन प्रणाली से निराश होकर ओमान में बसकर वहां की राष्ट्रीय टीम को टी20 विश्व कप में जगह दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले तेज गेंदबाज मुनीश अंसारी ने भारतीय क्रिकेट की चयन प्रणाली पर सवाल खड़ा किया है।

अंसारी का कहना है कि टीम इंडिया में किसी खिलाड़ी के चयन के लिए 'गॉडफादर' का होना बेहद जरूरी है। गौरतलब है कि 145 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी करने वाले मुनीश को जब भारत में पर्याप्त मौके नहीं मिले तो वे ओमान चले गए।

सीहोर में जन्मे और पले-बढ़े अंसारी ने भाषा से कहा, 'भारतीय टीम में किसी खिलाड़ी के चयन के लिए 'गॉडफादर' का होना बेहद जरूरी है। मैं ही नहीं, कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनको सही समय पर मौका नहीं मिला है।'

31 साल के तेज गेंदबाज मुनीश अब अगले साल भारत में होने वाले विश्व टी-20 में खेलने को लेकर उत्साहित हैं।

उन्होंने कहा, 'अगले साल टी-20 विश्व कप में यदि भारत के खिलाफ मैच हुआ, तो मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ ओमान के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा।'

गौरतलब है कि तूफानी गति से गेंदबाजी करने वाले अंसारी को जब मध्यप्रदेश की क्रिकेट टीम में स्थान नहीं मिला, तो वह पेशेवर क्रिकेट खेलने का अपना सपना पूरा करने के लिए ओमान चले गए थे। उन्होंने वहां राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने में सफलता प्राप्त कर ली।

'सीहोर एक्सप्रेस' के नाम से भी प्रसिद्ध अंसारी ने विश्व टी20 क्वालीफायर में ओमान की तरफ से सात मैच खेले और 16.08 की औसत से 12 विकेट लिए। उन्होंने नीदरलैंड के खिलाफ 15 रन देकर चार और नामीबिया के खिलाफ 23 रन देकर तीन विकेट लिए। इस प्रकार उन्होंने अपनी टीम को विश्व टी-20 में जगह दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

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अंसारी पहली बार तब सुखिर्यों में आए थे, जब उन्होंने 2006 को नेट प्रैक्टिस के दौरान इंग्लैंड के ऑलराउंडर क्रिकेटर एन्ड्रयू फ्लिंटाफ का विकेट चटकाया था।

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