यह ख़बर 18 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

डीआरएस के विरोध में भारत के अपने कारण हैं : रिचर्डसन

खास बातें

  • अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के मुख्य कार्यकारी डेव रिचर्डसन के अनुसार विवादास्पद निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का विरोध करने के भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पास अपने कारण हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि यह प्रणली अभी पूरी तरह से फूलप्रूफ नहीं है।
लंदन:

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के मुख्य कार्यकारी डेव रिचर्डसन के अनुसार विवादास्पद निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का विरोध करने के भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पास अपने कारण हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि यह प्रणली अभी पूरी तरह से फूलप्रूफ नहीं है। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले टेस्ट मैच के दौरान अंपायरों की गलतियों के बाद डीआरएस फिर से चर्चा में आ गया है।

रिचर्डसन ने दूसरे टेस्ट मैच में लंच के दौरान इंग्लैंड के पूर्व कप्तान डेविड गावर के साथ टेलीविजन पर बातचीत में कहा, ‘‘भारत के पास (इसके विरोध के) कुछ अच्छे कारण है और कुछ मसले संदेहास्पद हैं। निश्चित तौर पर हम सुधार कर सकते हैं तथा तीन रिव्यू जैसी बातों पर विचार कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सचाई यह है कि दस सदस्य हैं और प्रत्येक के पास एक मत है। कोई भी कह सकता है कि ‘सुनो हम इस पर सहमत नहीं होना चाहते।’ यदि कम से सात देश डीआरएस के उपयोग के लिये सहमत हो जाती है तो फिर यह लागू हो जाएगा।’’

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अंपायरों की गलतियों के कारण चर्चा में रहे ट्रेंटब्रिज टेस्ट के बारे में रिचर्डसन ने कहा कि यह मुश्किल मैच था। रिचर्डसन से पूछा गया कि मैच के बाद आईसीसी ने अंपायरों के आंकड़ों को लेकर प्रेस विज्ञप्ति क्यों जारी की, उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि स्पष्ट करना जरूरी था। यह मुश्किल टेस्ट मैच था और पिच आसान नहीं थी। प्रत्येक पांच ओवर में कुछ हो रहा था और हमें पाक साफ होने और अपनी गलतियां स्वीकार करने की जरूरत थी। उसमें अंपायरों ने सात गलतियां की और उनमें से चार सुधार दी गई।’