यह ख़बर 06 जनवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

सिडनी टेस्ट में भारत की शर्मनाक हार

खास बातें

  • भारत को पारी और 68 रन की हार के साथ विदेशी सरजमीं पर लगातार छठी शिकस्त झेलनी पड़ी, जिससे ऑस्ट्रेलिया ने शृंखला में 2-0 की बढ़त बना ली।
सिडनी:

गौतम गंभीर, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और अश्विन के अर्धशतकों के बावजूद भारत को दूसरे टेस्ट के चौथे दिन ही पारी और 68 रन की हार के साथ विदेशी सरजमीं पर लगातार छठी शिकस्त झेलनी पड़ी, जिससे ऑस्ट्रेलिया ने चार टेस्ट की शृंखला में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों के शतक से एक कदम दूर खड़े तेंदुलकर सौवें टेस्ट मैच की मेजबानी कर रहे सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर 80 रन की पारी खेलकर एक बार फिर महाशतक के करीब पहुंचकर चूक गए। उन्होंने गौतम गंभीर (83) के साथ तीसरे विकेट के लिए 68 और लक्ष्मण के साथ चौथे विकेट के लिए 103 रन की साझेदारी की, लेकिन भारत को पारी की हार से नहीं बचा पाए। निचले क्रम में आर अश्विन (62) ने जहीर खान (35) के साथ आठवें विकेट के लिए 56 और इशांत शर्मा (11) के साथ नौवें विकेट के लिए 42 रन जोड़कर भारत का स्कोर 400 रन तक पहुंचाया।

भारत एक समय तीन विकेट पर 271 रन बनाकर अच्छी स्थिति में दिख रहा था, लेकिन बेन हिलफेंहास (106 रन पर पांच विकेट) की अगुआई में ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों ने 15 रन के भीतर चार विकेट चटकाकर भारत के मध्यक्रम की रीढ़ तोड़ दी। पीटर सिडल ने 88 रन देकर दो विकेट चटकाए। भारत ने पहली पारी में 191 रन बनाए थे, जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने कप्तान माइकल क्लार्क के नाबाद 329 रन की मदद से चार विकेट पर 659 रन पर पारी घोषित की और 468 रन की बढ़त हासिल की।

शृंखला का तीसरा टेस्ट अब 13 जनवरी से पर्थ के वाका मैदान पर खेला जाएगा। एससीजी पर यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी हार है। इससे पहले उसे जनवरी, 2000 में पारी और 141 रन से शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इससे पहले सुबह के सत्र में भारतीय बल्लेबाजों का दबदबा रहा, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने दूसरे सत्र में मैच की तस्वीर पलट दी। टीम इंडिया ने पहले सत्र में एक विकेट गंवाकर 129 रन जोड़े, लेकिन दूसरे सत्र में पांच विकेट गंवाने के बाद टीम 108 रन ही जुटा सकी।

तेंदुलकर और लक्ष्मण ने सुबह के सत्र में खुलकर बल्लेबाजी की। भारत ने आज सुबह दो विकेट पर 114 रन से आगे खेलना शुरू किया और सुबह के सत्र में सलामी बल्लेबाज गंभीर का विकेट गंवाया। कल रक्षात्मक बल्लेबाजी करने वाले तेंदुलकर ने हिलफेंहास को निशाना बनाया और अपने पहले पांच चौके इसी तेज गेंदबाज पर जड़े। आठ रन से आगे खेलने उतरे तेंदुलकर ने ऑफ साइड के बाहर की गेंदों पर निर्ममता दिखाई और कई आकर्षक स्क्वायर कट खेले।

गंभीर ने जेम्स पेटिनसन की गेंद को स्लिप क्षेत्र से चार रन के लिए भेजा। टीम इंडिया ने दिन के पहले दो ओवर में 18 रन जोड़कर सकारात्मक शुरुआत की। तेंदुलकर और गंभीर जब अच्छी लय में दिख रहे थे, तब कप्तान माइकल क्लार्क ने गेंद पीटर सिडल को थमाई, जिन्होंने अपनी दूसरी गेंद पर ही गंभीर को डीप प्वाइंट पर डेविड वार्नर के हाथों कैच करा दिया। उन्होंने 83 गेंद की अपनी पारी के दौरान 142 गेंद का सामना किया और 11 चौके जड़े। पिछली तीन पारियों में दो, एक और दो रन बनाने वाले लक्ष्मण भाग्यशाली रहे, जब सिडल की गेंद पर विकेटकीपर ब्रेड हैडिन ने उनका कैच छोड़ दिया। इस समय लक्ष्मण ने खाता भी नहीं खोला था। लक्ष्मण हालांकि जल्द ही लय में आ गए। उन्हें गेंदबाजी आक्रमण में स्पिनर नाथन लियोन को लगाए जाने का भी फायदा मिला। उन्होंने सिडल की गेंद पर ड्राइव करके चौका जड़ा, जबकि लियोन पर भी कवर ड्राइव से चार रन बटोरे।

टीम इंडिया ने सुबह से ही सकारात्मक बल्लेबाजी की और पहले घंटे में 13 ओवर में 79 रन जोड़े। इस बीच, तेंदुलकर ने फाइन लेग पर दो रन के साथ 89 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया। लंच के बाद लक्ष्मण ने सिडल पर दो चौके मारे, जबकि तेंदुलकर ने क्लार्क की गेंद को मिड ऑन पर एक रन के लिए खेलकर 100 रन की साझेदारी पूरी की। इस बीच, जब लग रहा था कि तेंदुलकर इस बार अंतरराष्ट्रीय शतकों का शतक पूरा कर लेंगे, तब कामचलाऊ स्पिनर क्लार्क की फिरकी का जादू चल गया। क्लार्क की ऑफ स्टंप के बाहर से अंदर की ओर आती गेंद को तेंदुलकर ने रक्षात्मक तरीके से खेलने की कोशिश की, लेकिन यह उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेती हुई विकेटकीपर ब्रेड हैडिन के ग्लव्स से टकराती हुई पहली स्लिप में खड़े माइक हसी के हाथों में पहुंच गई। इस दिग्गज बल्लेबाज ने अपनी पारी में 141 गेंद का सामना किया और नौ चौके जड़े।

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तेंदुलकर ने अपना पिछला अंतरराष्ट्रीय शतक विश्व कप के दौरान नागपुर में 12 मार्च को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जड़ा था, जब उन्होंने 111 रन की पारी खेली थी। तेंदुलकर तब से अब तक 21 अंतरराष्ट्रीय पारियों में अपने सौवें शतक का इंतजार खत्म करने में नाकाम रहे हैं। उन्होंने इस दौरान 17 टेस्ट और चार वनडे पारियां खेलीं।